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इस बात की पूरी संभावना है कि 50 साल की उम्र आने तक आपके आधे से ज्यादा बाल सफेद हो जाएंगे.
इस बात की पूरी संभावना है कि 50 साल की उम्र आने तक आपके आधे से ज्यादा बाल सफेद हो जाएंगे. बालों पकना एक शारीरिक घटना है जिसमें उम्र बढ़ने के साथ और भी ज्यादा इजाफा होता है, हालांकि मौजूदा दौर में 20 से 25 साल के युवा भी बालों के पकने से परेशान रहते है. ऐसा कहा जाता है कि सफेद बालों की वजह से टेंशन होती है और टेंशन की वजह से बाल सफेद होते हैं. ये बात कुछ हद तक सही है, ये आपको ये बात समझनी होगी कि बाल पकने के पीछे और भी कई कारण हैं जिन्हें पहचानना बेहद जरूरी है. आइए जानते है कि इसके पीछे क्या क्या वजहें हो सकती हैं.
आपके बालों का कलर कैसे डिसाइड होता है?
बालों को उसका रंग शरीर में मेलेनिन (Melanin) नामक नेचुरल पिगमेंट के जरिए मिलता है. मेलेनिन बनाने का काम मेलानोसाइट्स (Melanocytes) द्वारा किया जाता है जो खास पिगमेंट सेल्स होते हैं जो त्वचा की सतह (फॉलिक्स) के सरफेस पर स्थित होते हैं जिसके जरिए से बालों की ग्रोथ होती है.
इंसानी बालों के फॉलिकल्स (Follicles) में दो प्रकार के मेलेनिन में से एक हो सकता है, जिसमें काले-भूरे रंग का पिगमेंट जिसे यूमेलानिन (Eumelanin) कहा जाता है, जो मुख्य रूप से काले और भूरे बालों में मौजूद होता है, और पीला या लाल पिगमेंट जिसे फोमेलानिन (Pheomelanin) कहा जाता है, जो सुनहरे बालों (Blonde hair) में मौजूद होता है.
कम उम्र में सफेद बाल आने के कारण
-जेनेटिक कारण
-विटामिन बी12 की कमी
-पर्निशियस एनीमिया
-क्वाशियोरकर की वजह से प्रोटीन लॉस
-आयरन और कॉपर की कमी
-हाइपोथायरायडिज्म
-मेडिकेटेड हेयर ऑयल का यूज
-बालों मे केमिकल युक्त प्रोडक्टस लगाना
-बुक्स सिंड्रोम
-डाउन सिंड्रोम
-वर्नर सिंड्रोम
-टेंशन
-सफेद दाग
-दवाओं का असर
अगर आपको सफेद बालों की परेशानी से बचना है तो इस बात पर गौर करें कि कहीं शरीर में ऊपर लिखी हुई परेशानी तो नहीं, अगर ऐसा है तो तुरंत एक्सपर्ट डॉक्टर से इसका इलाज कराएं और जरूरी टेस्ट का भी सहारा लें.
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