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आजकल के लाइफस्टाइल में माता-पिता बच्चों के व्यवहार को लेकर ज्यादा चिंतित रहते हैं. अक्सर ये देखने को मिला है कि बच्चे बहुत जल्दी चिड़चिड़े हो जाते हैं
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | आजकल के लाइफस्टाइल में माता-पिता बच्चों के व्यवहार को लेकर ज्यादा चिंतित रहते हैं. अक्सर ये देखने को मिला है कि बच्चे बहुत जल्दी चिड़चिड़े हो जाते हैं. उन्हें बहुत गुस्सा आता है, वो जरा सी बात पर नाराज हो जाते हैं और ये नाराजगी काफी लंबे समय तक बनी रहती है. बच्चों के ऐसे बिहेवियर को लेकर माता-पिता ये मान लेते हैं कि ये उग्र व्यवहार (Violent Behaviour) सामान्य चिड़चिड़ापन (General Irritability) है, लेकिन जब समय के साथ-साथ ये बढ़ता जाता है तो उन्हें इसके लिए डॉक्टर की सलाह भी लेनी पड़ती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसकी वजह बच्चों की फूड हैबिट्स भी हो सकती हैं?
दरअसल, बच्चे जो कैंडी, चॉकलेट, मार्शमेलो, कॉटन कैंडी या फास्ट फूड खाते हैं. उनमें मिला आर्टिफिशियल कलर (Artificial colors) भी उनके उग्र व्यवहार (Violent Behaviour) की वजह हो सकता है. एनबीसी न्यूज में छपी न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका के उताह प्रांत की रॉय सिटी में रहने वाले स्नो परिवार को भी इस समस्या से जूझना पड़ा लेकिन उन्होंने अपने बच्चे की फूड हैबिट्स में कुछ बदलाव कर अच्छे नतीजे प्राप्त किए. दरअसल. स्नो परिवार के सबसे छोटे बच्चे इवान (पहली क्लास का छात्र) की शैतानियां लगातार बढ़ती जा रही थी, वो जरा सी बात पर गुस्सा हो जाता था. इसी कारण उसके दोस्त भी नहीं बनते थे. अगर माता-पिता उसे समझाते तो वह और उग्र हो जाता. इसी वजह से पेरेंट्स घर में किसी तरह की पार्टी या सेलीब्रेशन भी नहीं कर पाते थे.
इवान की मां एमिली ने तो इनाम रख दिया था कि जिस दिन इवान अच्छे से रहेगा, उसे फेवरेट रेड कैंडी मिलेगी. हालांकि, वो कभी भी इनाम ले नहीं पाया. पेरेंट्स को उसकी वीकली थेरेपी भी करानी पड़ी. लेकिन अभी पिछले कुछ टाइम से इवान के बिहेवियर में आश्चर्यजनक बदलाव देखने को मिला. अब उसे दवा और वीकली थेरेपी की जरूरत भी नहीं पड़ती. ये सब संभव हुआ है आर्टिफिशियल कलर (artificial colors) वाले फूड प्रोडक्ट को खाने पर पाबंदी लगाने के बाद. इवान की मां एमिली बताती हैं, 'कई तरह के न्यूरोसाइकोलॉजिकल टेस्ट (neuropsychological test) और हजारों डॉलर के खर्च के बावजूद वो नतीजे नहीं मिल पाए, जो केवल डाइट में बदलाव करने के 4 सप्ताह में सामने आए.'
पूरे अमेरिका में उठी आवाज
पूरे अमेरिका में अब लोग बच्चों के खाने से आर्टिफिशियल कलर्स हटाने का समर्थन करने लगे हैं. सोशल मीडिया पर बड़ी संख्या में डाई-फ्री डाइट (dye-free diet) ग्रुप बन गए हैं. कई में 10 हजार मेंबर हैं. कैलिफोर्निया से डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसदबॉब वीकोवस्की (Bob Wieckowski)एक बिल लेकर आए हैं, जिसमें खाने की चीजों पर चेतावनी देने की सिफारिश की है. 2023 से इसके लागू होने की उम्मीद है.
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Teja
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