लाइफ स्टाइल

पढ़ें प्रेरक कहानी लालच में आकर नहीं करनी चाहिए बेईमानी

Tara Tandi
20 March 2021 10:30 AM GMT
पढ़ें प्रेरक कहानी लालच में आकर नहीं करनी चाहिए बेईमानी
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एक पुरोहित किसी नगर में रहता था। वह पुरोहित ऐसा था कि वो किसी की भी धरोहर वापस नहीं देता था।

जनता से रिश्ता विब्डेस्क | एक पुरोहित किसी नगर में रहता था। वह पुरोहित ऐसा था कि वो किसी की भी धरोहर वापस नहीं देता था। एक बार एक गरीब आदमी परदेश जा रहा था तो वह उसके घर की धरोहर उस पुरोहित के पास रखकर परदेश चला गया। जब वह वापस आया तो उसने पुरोहित से अपनी धरोहर वापस मांगी। तब पुरोहित ने कहा कि मेरे यहां तुम्हारी कोई धरोहर नहीं है।

फिर उस व्यक्ति ने उस राजा के मंत्री से शिकायत की। यह बात मंत्र ने राजा को बताई। राजा ने पुरोहित को बुलाया और कहा कि वो उसकी थैली को लौटा दे। लेकिन पुरोहित ने कहा कि वो आदमी झूठ बोलकर मुझे बदनाम कर रहा है। उसने मेरे यहां कोई थैली नहीं रखी। यह सुन राजा ने गरीब व्यक्ति को बुलाया और उससे बात की। उस व्यक्ति की बात सुनकर राजा को विश्वास हो गया कि इसमें पुरोहित की बेईमानी है।

फिर एख बार राजा ने पुरोहित को चौसर खेलने के लिए आमंत्रित किया। खेल खेलते-खेलते राजा ने पुरोहित की अंगूठी को अपनी अंगूठी से बदल लिया। फिर उसने चुपके से अपने एक आदमी को बुलाया और उसे वो अंगूठी देकर कहा कि वो पुरोहित की स्त्री के पास जाए और उससे कहा कि पुरोहित जी ने वह थैली मांगी है


जब उसने अपने पति की अंगूठी देखी तो उसने पुरोहित की रुपयों की थैली निकालकर राजा के आदमी के हवाले कर दी। राजा ने उस थैली को अन्य थैलियों के बीच में रख दिया। फिर उस आदमी को बुलाया। राजा ने कहा कि वो इसमें से अपनी थैली उठा ले। उस व्यक्ति ने अपने रुपयों की थैली पहचान ली और लेकर चला गया।

शिक्षा: इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि कभी-भी पैसे के लालच में आकर हमें बेईमानी नहीं करनी चाहिए। बेईमानी से हम कभी-भी अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाएंगे।


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