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फायदों के बारें में
घर के व्यंजनों और मकर संक्रांति पर खास तौर पर चिक्की बनाने में सबसे ज्यादा उपयोग की जाने वाली तिल या तिल्ली, अपने खास गुणों के कारण कई प्रकार से फायदेमंद है। यह आपके स्वास्थ्य को हर तरह से बेहतर बनाने में बेहद लाभदायक है। तिल का हमारे रोजमर्रा के खानपान में एक अपना ही अलग महत्व है। तिल की तासीर अत्यंत ही गरम होती है। सर्दियों के मौसम में तिल का सेवन अधिक उपयुक्त माना जाता है क्योंकि सर्दियों के मौसम में तिल को खाने से शरीर को एक प्रकार की ऊर्जा प्राप्त होती है। ठंड के मौसम में तिल के तेल की मालिश की जाए तो शरीर में गर्मी आती है तथा ठंड से बचाव होता है। अपने बेहतरीन पोषक गुण के कारण तिल का तेल पूरी दुनिया में प्रमुखता से इस्तेमाल किया जाता है। इसमें न केवल त्वचा और बालों को पोषित करने की खूबी होती है बल्कि हीलिंग क्वालिटी भी होती है। ये बात वैज्ञानिक तौर पर साबित हो चुकी है कि तिल के तेल से बालों को संपूर्ण पोषण मिलता है। आइये जानते हैं तिल के तेल से होने वाले फायदों के बारे में।
त्वचा के लिए :
तिल का तेल जस्ता (zinc) में समृद्ध है, जो शरीर में आपकी त्वचा के लिए सबसे महत्वपूर्ण खनिजों में से एक है। यह त्वचा के लचीलेपन और चिकनाई को बढ़ा सकता हैं, त्वचा की स्थिति और समय से पूर्व बुढ़ापे के निशानो को खत्म करने में मदद कर सकता है। तिल का तेल एक सनस्क्रीन के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है क्योंकि यह त्वचा पर एक सुरक्षात्मक परत बनाता है जो विदेशी तत्वों या विषाक्त पदार्थों से शरीर की रक्षा करने का एक और तरीका है।
ब्लड सर्कुलेशन को सही रखें :
तिल का तेल गाढ़ा होने के कारण इससे मालिश करने पर यह तेल त्वचा में आसानी से मिल जाता है। जिससे यह त्वचा को अंदर से पोषण मिलती है। तिल से बने तेल से नियमित मालिश करने से ब्लड सर्कुलेशन की प्रक्रिया सही रहती है और क्षतिग्रस्त कोशिकाओं की मरम्मत होती है।
मानसिक दुर्बलता कम करें :
तिल का प्रयोग मानसिक दुर्बलता को कम करता है, जिससे आप तनाव, डिप्रेशन से मुक्त रहते हैं। प्रतिदिन थोड़ी मात्रा में तिल का सेवन कर आप मानसिक समस्याओं से निजात पा सकते हैं।
तिल का तेल बालों को भीतर से पोषण देने का काम करता है। तिल के तेल को हल्का गर्म कर लीजिए और इसके बाद हल्के हाथों से स्कैल्प पर मसाज कीजिए। कुछ देर के लिए तेल को बालों में लगा रहने दें और फिर सामान्य पानी से धो लें।
एंटी-बैक्टीरियल है तिल :
तिल में मौजूद एंटी-बैक्टीरियल गुणों के कारण यह किसी भी तरह के घाव को जल्द ही ठीक कर देता है। इसके अलावा किसी भी सूजन में आराम देता है और सोराइसिस और एक्जिमा जैसी त्वचा की परेशानियों को दूर करने में भी मदद करता है। इसके अलावा जलने पर भी तिल का प्रयोग किया जाता है। जले हुए स्थान पर देशी घी और कपूर के साथ मिलाकर जले हुए स्थान पर इसका लेप लगाने से फायदा होता है।
खांसी में :
सूखी खांसी होने पर तिल को मिश्री व पानी के साथ सेवन करने से लाभ मिलता है। इसके अलावा तिल के तेल को लहसुन के साथ गर्म करके, गुनगुने रूप में कान में डालने पर कान के दर्द में आराम मिलता है।
SANTOSI TANDI
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