लाइफ स्टाइल

औषधीय गुणों से भरा है रामबुतान, भगवान राम से इस वजह से है जुड़ाव

Manish Sahu
27 Aug 2023 4:58 PM GMT
औषधीय गुणों से भरा है रामबुतान, भगवान राम से इस वजह से है जुड़ाव
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लाइफस्टाइल: आज हम ऐसे फल के बारे में जानकारी दे रहे हैं जो है तो विदेशी, लेकिन भगवान राम से जुड़ाव लिए हुए है. भारत के एकाध राज्य में सीमित स्तर पर मिलता है. इसका नाम विशेष है. लेकिन इसका संबंध न तो भारत के भगवान राम से है और न ही उनके युग से. यह अलग बात है कि जहां यह फल पैदा हुआ है, वहां भी भगवाना राम की महिमा खूब है. इस फल का नाम है रामबुतान. यह शानदार मिठास लिए हुए कुछ खट्टा और विटामिन्स से भरपूर है. इसमें जीवाणुरोधी व एंटीसेप्टिक गुण भी हैं. इसका सेवन शरीर को कई बीमारियों से दूर रखता है.
तीन फलों का स्वाद देता है यह फल
रामबुतान (Rambutan) देखने में लीची जैसा लगता है. अधिकतर रामबुतान फल लाल रंग के होते हैं, लेकिन कुछ में नारंगी व पीले रंग का मिश्रण भी हो सकता है. यह लीची से थोड़ा इसलिए अलग नजर आता है, क्योंकि इसके चारों और रेशे लिपटे होते हैं, लेकिन साइज लीची जैसा ही कबूतर के अंडे जितना होता है. इसमें लीची जैसा ही जूस से भरा गूदा निकलता है, जिसका स्वाद थोड़े से खट्टेपन के साथ मीठा ही होता है और इसे बहुत अधिक चबाकर खाया जाए तो तो स्ट्राबेरी और अंगूर का स्वाद भी जुबान में महकने लगेगा.
इस फल के साथ राम इसलिए जुड़ा हुआ है, क्योंकि जहां पर इसकी उत्पत्ति मानी जाती है, वहां भी भगवान राम हजारों वर्षों से आराध्य हैं. पेड़ पर गुच्छों में लटकने वाले रामबुतान की उत्पत्ति मलेशिया और इंडोनेशिया मानी गई है, जहां हजारों वर्षों से भगवान राम से श्रद्धा रखी जा रही है. फूड हिस्टोरियन मानते हैं कि सैंकड़ो वर्ष पहले यह फल जंगलों में उग रहा था, बाद में इसके स्वाद को देखते हुए इसे उगाया जाने लगा. भारत के नामी कृषि विज्ञानी प्रो़ रंजीत सिंह व प्रो़ एसके सक्सेना ने अपनी पुस्तक ‘Fruits’ में रामबुतान की जानदारी दी है. उनका कहना है कि मलाया द्वीप में इस फल की उत्पत्ति हुई है और दक्षिण भारत के नीलगिरी क्षेत्र के अलावा श्रीलंका में भी यह सीमित मात्रा में उगता है.
विटामिन सी, फास्फोरस व फाइबर से भरपूर
विशेष स्वाद व पोषक तत्वों के चलते रामबुतान की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है. इसमें प्राकृतिक रूप से जीवाणुरोधी व एंटीसेप्टिक गुण हैं, जो शरीर को रोगों से बचाए रखने में महत्वपूर्ण रोल अदा करते हैं. फूड एक्सपर्ट व न्यूट्रिशियन कंसलटेंट नीलांजना सिंह के अनुसार अभी यह फल दक्षिण भारत तक ही सीमित है, लेकिन आने वाले दिनों में यह उत्तर भारत तक पहुंच जाएगा, क्योंकि इसकी गुणवत्ता कृषि विज्ञानियों को लुभा रही है और वे इसे पूरे भारत में उगाने के प्रयास में लगे हैं. रिसर्च बताता है कि इसमे पाए गए पोषक तत्व शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं.
रामबुतान में विटामिन सी, फास्फोरस व फाइबर पर्याप्त मात्रा में मौजूद हैं. यह पोषक तत्व मसल्स को स्वस्थ रखते हैं, हड्डियों को मजबूती प्रदान करते हैं, साथ ही पाचन सिस्टम को स्मूद बनाए रखते हैं. इसका सेवन हार्ट से जुड़े रोगों के जोखिम को भी करने में सहायक है. यह शरीर को इन्फेक्शन से बचाने में तो मददगार है ही. इसमें स्किन को भी चमकदार बनाए रखने के गुण हैं.
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