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कोरोना का नया जगह है पब्लिक टॉयलेट, ये करने से बढ़ सकता है खतरा

Apurva Srivastav
24 April 2021 9:30 AM GMT
कोरोना का नया जगह है पब्लिक टॉयलेट, ये करने से बढ़ सकता है खतरा
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कोरोना वायरस का संकट लगातार बढ़ता जा रहा है

कोरोना वायरस का संकट लगातार बढ़ता जा रहा है. देश में संक्रमित मरीजों की संख्या में एकदम से इजाफा होने से टेंशन बढ़ गई है और मेडिकल व्यवस्था पर भी असर पड़ रहा है. हालांकि, सरकारें स्थिति को काबू में करने के लिए हरसंभव कदम उठा रही है और लोगों के इलाज और कोरोना से बचाव पर खास ध्यान दे रही है. हालांकि, इस बीच कई रिपोर्ट ऐसी भी आ रही हैं, जो वाकई डरा देने वाली है.

कई रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि पब्लिक टॉयलेट का इस्तेमाल भी अब भारी पड़ सकता है और इससे कोरोना फैलने का खतरा बढ़ सकता है. माना जा रहा है पब्लिक टॉयलेट में फ्लश करने से कोविड-19 के संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है. ऐसे में जानते हैं कि किस आधार पर टॉयलेट फ्लश को कोविड-19 फैलाने का कारण माना जा रहा है. जानते हैं पब्लिक टॉयलेट में फ्लश करने से बढ़ने वाले कोरोना संक्रमण के खतरे से जुड़ी बातें…
क्या कहती है रिसर्च?
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, रिसर्च में कहा जा रहा है कि टॉयलेट फ्लश करने से एरोसोल (हवा के कण) उत्पन्न हो रहे हैं, जो संभवतः घंटों तक हवा में रह सकता है. साथ ही माना जा रहा है कि एरोसोल, SARS-CoV-2 के संचरण के प्राथमिक मोड के रूप में स्वीकार किए जाते हैं और यह कोविड-19 के कारण बनते हैं. ऐसे में इस स्टडी में कहा जा रहा है कि सार्वजनिक टॉयलेट वास्तव में कोविड-19 के लिए हॉटबेड साबित हो सकते हैं.
ऐसा क्यों है?
पहले भी फिजिक्स ऑफ फ्लुइड्स नामक पत्रिका में प्रकाशित शोध में सामने आ चुका है कि जब सार्वजनिक शौचालय का इस्तेमाल करने के बाद कोई फ्लश करता है तो उसके संक्रमित होने की संभावना बढ़ जाती है. रिसर्च में दावा किया गया है कि जब सार्वजनिक शौचालय का इस्तेमाल करने के बाद कोई फ्लश करता है तो इनसे कोविड-19 के कण वायु में महज छह सेकेंड से भी कम समय के अंदर दो फीट तक ऊपर उठते हैं.
ऐसे में व्यक्ति के संक्रमित होने का खतरा रहता है. साथ ही कहा जाता है कि सार्वजनिक शौचालयों में किसी वायरस से संक्रमित होने की संभावना कहीं अधिक रहती है. हालांकि, अभी भी इस पर रिसर्च की जा रही है और इसके लिए पर्याप्त सबूत जुटाए जा रहे हैं.
टॉयलेट का इस्तेमाल करने के बाद जब हम फ्लश करते हैं, तब गैस और लिक्विड इंटरफेस के बीच एक संपर्क तैयार होता है. शौचालय में फ्लश करते वक्त निकलने वाले छोटे-छोटे कण अधिक दूरी तक प्रसारित हो जाते हैं, जिससे कोविड-19 के बढ़ने की संभावना भी बढ़ जाती है. ऐसे में कई जानकारों का कहना है कि टॉयलेट के इस्तेमाल के वक्त भी मास्क का इस्तेमाल जरूरी है.


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