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यूक्रेन पर हमले के लिए रूस को जिम्मेदार ठहराने वाला प्रस्ताव पेश, भारत समेत 73 देशों ने बनाई मतदान से दूरी

Subhi
15 Nov 2022 1:56 AM GMT
यूक्रेन पर हमले के लिए रूस को जिम्मेदार ठहराने वाला प्रस्ताव पेश, भारत समेत 73 देशों ने बनाई मतदान से दूरी
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संयुक्त राष्ट्र आमसभा में सोमवार को यूक्रेन पर हमले के लिए रूस को जिम्मेदार बनाने वाला प्रस्ताव पेश किया गया। इस प्रस्ताव के पारित होने पर रूस को अंतरराष्ट्रीय कानूनों के उल्लंघन का जिम्मेदार माना जाएगा और उस पर यूक्रेन में हुए नुकसान के लिए क्षतिपूर्ति करने के लिए कहा जाएगा।

संयुक्त राष्ट्र आमसभा में सोमवार को यूक्रेन पर हमले के लिए रूस को जिम्मेदार बनाने वाला प्रस्ताव पेश किया गया। इस प्रस्ताव के पारित होने पर रूस को अंतरराष्ट्रीय कानूनों के उल्लंघन का जिम्मेदार माना जाएगा और उस पर यूक्रेन में हुए नुकसान के लिए क्षतिपूर्ति करने के लिए कहा जाएगा।

193 सदस्यों में से 94 का समर्थन है प्राप्त

बता दें कि इस प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्यों में से 94 का समर्थन प्राप्त है। आने वाले दिनों में इस प्रस्ताव पर चर्चा होगी। यह प्रस्ताव पारित भी हुआ तो बाध्यकारी नहीं होगा लेकिन उसका राजनीतिक परिणाम बड़ा होगा।

भारत सहित 73 देशों ने मतदान में नहीं लिया हिस्सा

संयुक्त राष्ट्र में यूरोपीय संघ के मिशन ने ट्वीट कर बताया कि आज संयुक्त राष्ट्र महासभा ने रूस को यूक्रेन के खिलाफ अपनी आक्रामकता के लिए जिम्मेदार ठहराया है। कुल 94 देशों ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया है जबकि 14 ने इसके खिलाफ मतदान किया है। वहीं, भारत सहित 73 देशों ने भाग नहीं लिया है। इस प्रस्ताव में नुकसान की रजिस्ट्री की सिफारिश की गई है और नुकसान के लिए मुआवजे की आवश्यकता को मान्यता दी गई है। इसके अलावा पश्चिमी देशों द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव में यूक्रेन में रूस की कार्रवाई की निंदा की गई है।

रूस को युद्ध के लिए ठहराया जाना चाहिए जिम्मेदार

चेक गणराज्य ने प्रस्ताव का समर्थन करते हुए कहा कि रूस को यूक्रेन में युद्ध के कारण हुए नुकसान के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। बता दें कि इस साल फरवरी के अंतिम सप्ताह में शुरू हुए रूस-यूक्रेन युद्ध में अब तक दोनों पक्षों के हजारों सैन्य कर्मियों की मौत हो गई है। इसके अलावा यूक्रेन में युद्ध ने वैश्विक खाद्य सुरक्षा को भी प्रभावित किया है, जिससे कच्चे तेल की कीमतों में अचानक वृद्धि हुई है। बता दें कि भारत ने युद्ध की शुरुआत के बाद से रूस की निंदा नहीं की है और अपनी स्वतंत्र स्थिति बनाए रखी है। संयुक्त राष्ट्र मंच पर भारत ने लगातार हिंसा, शांति और कूटनीति को बंद करने की वकालत की है।


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