लाइफ स्टाइल

गर्भावस्था में उचित पोषण सिर्फ बच्चे ही नहीं पोते-पोतियों के भी मस्तिष्क स्वास्थ्य के लिए लाभकारी

Manish Sahu
12 Aug 2023 6:59 PM GMT
गर्भावस्था में उचित पोषण सिर्फ बच्चे ही नहीं पोते-पोतियों के भी मस्तिष्क स्वास्थ्य के लिए लाभकारी
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लाइफस्टाइल: गर्भावस्था के दौरान उचित पोषण की आवश्यकताओं पर निंरतर जोर दिया जाता रहा है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, मां का स्वस्थ पोषण उसके बच्चे के बेहतर मानसिक और शारीरिक विकास के लिए काफी आवश्यक होता है। इससे संबंधित एक हालिया अध्ययन में वैज्ञानिकों का कहना है कि प्रारंभिक गर्भावस्था के दौरान स्वस्थ और पौष्टिक आहार का सेवन करने वाली महिलाओं से जन्म लेने वाले बच्चे ही नहीं, पोते-पोतियों के भी मस्तिष्क को स्वस्थ रखने में मदद मिल सकती है। मतलब गर्भावस्था के दौरान उचित पोषण का ध्यान रखकर करीब दो पीढ़ियों के मस्तिष्क के स्वास्थ्य की रक्षा की जा सकती है।
ऑस्ट्रेलिया स्थित मोनाश यूनिवर्सिटी में आनुवांशिक मॉडल का उपयोग कर किए गए इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने यह दावा किया है। यह अध्ययन असल में उस परियोजना का हिस्सा है जिसमें पाया गया कि मां का आहार न केवल उसके बच्चे बल्कि उसके पोते-पोतियों के मस्तिष्क को भी प्रभावित कर सकता है।
उचित पोषण से शिशु की सेहत पर होने वाला असर
गर्भावस्था में पोषण का ध्यान रखना बहुत जरूरी
नेचर सेल बायोलॉजी में प्रकाशित इस अध्ययन की रिपोर्ट में पाया गया कि कुछ खाद्य पदार्थ मस्तिष्क की कार्यप्रणाली में होने वाली गिरावट को रोकने में मदद कर सकते हैं। गर्भावस्था के दौरान इस तरह की चीजों का सेवन करना न सिर्फ गर्भवती की सेहत के लिए बेहतर माना जाता है साथ ही इससे आने वाली पीढ़ियों को भी मानसिक तौर पर स्वस्थ और मजबूत बनाने में मदद मिल सकती है।
इस अध्ययन में आनुवंशिक मॉडल के रूप में राउंडवॉर्म (कैनोर्हाडाइटिस एलिगेंस) का उपयोग किया गया क्योंकि उनके कई जीन मनुष्यों में भी पाए जाते हैं, जिससे मानव कोशिकाओं को समझने में मदद मिल सकती है।
गर्भावस्था में खाएं स्वस्थ और पौष्टिक आहार
आहार में कुछ चीजों को शामिल करने से मिल सकता है लाभ
शोधकर्ताओं ने पाया कि फलों में सेब और कुछ प्रकार की जड़ी-बूटियों जैसे तुलसी, रोज़मेरी, थाइम, अजवायन आदि का सेवन मस्तिष्क को ठीक से काम करने के लिए आवश्यक कम्युनिकेबल सिस्टम को व्यवस्थित रखने में काफी लाभाकारी हो सकती है। वरिष्ठ प्रोफेसर रोजर पोकॉक ने अपनी टीम के साथ मस्तिष्क में एक्सॉन तंत्रिका कोशिकाओं की जांच की। पोकॉक ने बताया कि एक्सॉन में होने वाली किसी तरह की समस्या की स्थिति, मस्तिष्क की शिथिलता और न्यूरोडीजेनेरेशन का कारण बन सकती है।
पोकॉक कहते हैं, हमने यह पता लगाने की कोशिश की है कि क्या आहार में पाए जाने वाले प्राकृतिक उत्पाद इस जोखिम को कम कर सकते हैं?
गर्भवती के लिए जरूरी हैं स्वस्थ और पौष्टिक चीजें
अध्ययन मे क्या पता चला?
शोध में पाया गया है कि सेब और कई तरह की जड़ी-बूटियों में पाए जाने वाले अर्सोलिक एसिड, एक्सॉन की नाजुकता को कम करते हैं। पोकॉक ने कहा कि इस प्रकार की वसा, जिसे स्फिंगोलिपिड के रूप में जाना जाता है, अगली पीढ़ी में भी एक्सॉन की रक्षा करता है। इसका मतलब यह है कि मां का आहार न केवल उनकी संतानों के मस्तिष्क पर बल्कि संभावित रूप से आने वाली पीढ़ियों पर भी प्रभाव डाल सकती है।
पोकॉक ने कहा, सभी गर्भवती को क्यों स्वस्थ और पौष्टिक आहार सुनिश्चित कराया जाना चाहिए, इस अध्ययन की रिपोर्ट से यह और बेहतर तरीके से स्पष्ट होता है।
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