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शादी में हल्दी की रस्म के लिए ऐसे तैयार करें हल्दी का पेस्ट और जानें इसके फायदे

Rani Sahu
14 Dec 2022 10:29 AM GMT
शादी में हल्दी की रस्म के लिए ऐसे तैयार करें हल्दी का पेस्ट और जानें इसके फायदे
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भारत में शादियों में होने वाली रस्मों का खास महत्व होता है। उन में एक रस्म होती है वह है, हल्दी की रस्म। जो शादी से पहले दूल्हा और दुल्हन को लगाई जाती है। जिसको लगाना शुभ माना जाता है। इसमें हल्दी के लेप को तैयार किया जाता है। जो वर वधु को लगाया जाता है, ताकि शादी के समय त्वचा पर निखार आये तो आइये जाने हल्दी का सही तरीके से पेस्ट कैसे बनाये जिससे चेहरे पर ग्लो आये। और क्या है इसके लगाने का कारण ?
1 हल्दी पेस्ट ऐसे करें तैयार
इसको बनाने के लिए आपको चाहिए- बेसन, गुलाबजल, हल्दी पाउडर, तुलसी , पुदीने का पत्ते ,चंदन पाउडर, खीरे का जूस या फिर पीसा हुआ खीरा और पानी आवश्यकता के अनुसार। इन सभी को आप सही मात्रा में अच्छी तरह से मिलाकर इसका पेस्ट तैयार कर लें। और स्किन पर अप्लाई करें। यह स्किन के लिए बहुत ही लाभकारी होता है।
2. हल्दी पेस्ट के लाभ
हल्दी में एंटीबायोटिक के गुण पाए जाते है। जो हमारी बॉडी के लिए अतियंत लाभकारी होता है। और यह स्किन को ग्लोइंग और निखारने में बहुत ही प्रभावी है। इसका लेप चेहरे के दाग धब्बों को कम करने में मददगार है।
3. कैसे और क्यों लगते है हल्दी पेस्ट
भारतीय मान्यताओं के अनुसार हल्दी के पीले रंग को शुभ माना है। इसलिए शादियों में वर और वधु को पीले रंग के कपडे पहनाकर हल्दी की रस्म की जाती है। इसके साथ ही हल्दी को पवित्र माना जाता है। हल्दी की रस्म में महिलाएं वर वधु को 5 से 7 बार हल्दी को चेहरे ,हाथों और पैरों पर लगाती है। जो एक रस्म को हिस्सा है।
4. हल्दी के धार्मिक कारण
हल्दी नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट करने में मदद करती है। और तो और बुरी नज़र से भी बचाती है। यह वर वधु को शादी से पहले लगाई जाती है। हल्दी को शुभ वस्तु में गिना जाता है।
5. हल्दी के वैज्ञानिक कारण
वैज्ञानिक कारण की माने तो सभी प्राकृतिक चीज़े हमारे चेहरे और बॉडी के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इसमें औषधीय गुण पाए जाते है। यह सर दर्द और डिप्रैशन जैसी समस्याओं को दूर भगाता है।
6 हल्दी रोग के लिए उपयोगी
हल्दी का सेवन करने से शरीर में रोग से लड़ने की शक्ति मिलती है। हल्दी को आप दूध में डालकर पी सकते हैं। इसको पीने से हमारे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है। यानी इम्युनिटी बढ़ती है।
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