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प्रदूषण आंखों को पहुंचा रहा है नुकसान, जानिए क्या है डॉक्टर्स की राय

Gulabi
12 Nov 2021 4:25 PM GMT
प्रदूषण आंखों को पहुंचा रहा है नुकसान, जानिए क्या है डॉक्टर्स की राय
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प्रदूषण आंखों को पहुंचा रहा है नुकसान

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत कई शहरों में वायु प्रदूषण चिंता का विषय बनता जा रहा है. देश में कई स्थानों पर प्रदूषण का स्तर 'खतरनाक' लेवल पर है. बढ़ता प्रदूषण लोगों की सेहत के लिए काफी हानिकारक बनता जा रहा है. ये तो आप जानते हैं इस जहरीली हवा से लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है और इसका सीधा असर फेफड़ों पर पड़ रहा है. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि इस वायु प्रदूषण का असर सिर्फ फेफड़ों पर ही नहीं बल्कि आपकी आंखों पर भी पड़ा रहा है.


ऐसे में जानते हैं कि प्रदूषण आपकी आंखों के लिए किस तरह से नुकसान दायका है और अगर आपको भी हर रोज प्रदूषण का सामना करना पड़ता है तो हम आपको बताते हैं कि आप किस तरह से आंखों पर पड़ने वाले प्रदूषण के प्रभाव को कम कर सकते हैं. समझते हैं प्रदूषण का और आंखों का किस तरह से कनेक्शन है….

दरअसल भारत के कई शहर ऐसे हैं, जहां 400 से ज्यादा एक्यूआई पहुंच गया है. ऐसे में लोगों की आंखों पर भी इस जहरीली हवा से नुकसान हो रहा है, जबकि प्रदूषण को सांस जैसी बीमारियों तक ही सीमित रखा जाता है. इस बारे में डॉक्टर शार्प साइट आई हॉस्पिटल्स की डॉक्टर हेम का कहना है कि प्रदूषण से आंखों से संबंधित बीमारियों का खतरा भी अधिक होता है. प्रदूषण के कारण आंखों में सूखेपन और एलर्जी की समस्या ज्यादा देखी जा रही है.

डॉक्टर का कहना है, 'आंखों के मॉइस्चराइजेशन और पोषण के लिए पर्याप्त मात्रा में आंसू का उत्पादन न होने की वजह से ड्राई आई सिंड्रोम की समस्या हो सकती है. वायु प्रदूषण, आंखों की कोशिकाओं को प्रभावित कर देता है, जिससे आंखों में सूखापन, लालिमा, दर्द, प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता जैसी समस्या बढ़ जाती है. बता दें कि प्रदूषित हवा में नाइट्रिक ऑक्साइड, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और सल्फर डाइऑक्साइड जैसे तत्व होने की वजह से आंखों को ज्यादा नुकसान हो रहा है.

प्रदूषण बन गया है दिक्कत
इतना ही नहीं वायु प्रदूषण के दीर्घकालिक प्रभावों के कारण आंखों की रोशनी चले जाने जैसी गंभीर समस्याओं का भी खतरा हो सकता है. कई सर्वे में सामने आ चुका है कि नॉर्थ इंडिया में एक बड़े वर्ग को डीईडी यानी ड्राई आई डिजीज होने का अंदाजा है, लेकिन साउथ इंडिया में ये आंकड़ा काफी कम है. इसमें भी ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को शहरी क्षेत्र के लोगों से काफी कम दिक्कत है. ऐसे में माना जा रहा है कि धुआं, कॉन्टेक्स लैंस, वीडीटी यूज की वजह से ऐसा हो रहा है. यह सभी दिक्कतें प्रदूषण की वजह से वातावरण में मौजूद कारकों से है.

क्या करना होगा?
डॉक्टर के अनुसार, जहरीली हवा से आंखों को बचा कर रखना बहुत आवश्यक है, इसके लिए कुछ उपायों को प्रयोग में लाया जा सकता है. बहुत ज्यादा वायु प्रदूषण होने पर अनावश्यक रूप से घर से बाहर निकलने से बचें. इसके अलावा पलकों को बार-बार झपकाते रहें, जिससे आंखों को आराम मिलता है. अगर आप लगातार कम्प्यूटर पर भी काम कर रहे हैं तो आपको पलकों को जरूर झपकाना चाहिए. साथ ही आंखों को स्वस्थ बनाए रखने के लिए शरीर को हाइड्रेटेड रखें. अगर बाहर जाते वक्त चश्मा आदि पहनते हैं तो आपको इसका फायदा मिल सकता है.


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