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लाइफ स्टाइल
अपने किचन में विदेशी की जगह इन देसी फल-सब्ज़ियों को जगह दें
Kajal Dubey
24 April 2023 1:26 PM GMT
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जब बात सुपरफ़ूड्स की बात आती है तो ‘विदेशी फ्रूट्स’ काफ़ी चर्चा में हैं. लगभग हर फ़िटनेस फ्रीक या जो इस राह पर चलनेवाले हैं, वे बाहर से आए फलों और सब्ज़ियों को प्रमोट करते हैं. पर शायद वे इस बात से अनजान हैं कि कई ऐसे भारतीय फल और सब्ज़ियां हैं, जो एक्ज़ॉटिक फ्रूट के मानिनंद ही पोषण प्रदान करते हैं और आपकी ज़ेब पर अतिरिक्त भार भी नहीं डालते हैं व आसानी से मिल भी जाते हैं
सुपरफ़ूड्स न केवल वजन घटाने वाले लोगों के बीच, बल्कि फ़िटनेस को प्राथमिकता देनेवालों के बीच भी लोकप्रिय हैं, क्योंकि कम मात्रा में खाने पर भी आपको लगभग वे सारे पोषकत्तव मिल जाते हैं, जिनकी आपके शरीर को ज़रूरत होती है. इन खाद्य पदार्थों में विटामिन, ऐंटीऑक्सीडेंट्स, प्रोटीन, फ़ाइबर और मिनिरल्स जैसे पोषक तत्व से भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं.
आप अपनी फ़िटनेस के लिए इन भारतीय विकल्प को आज़मा सकते हैं…
अकाई की जगह आंवले का इस्तेमाल करें
अकाई और ब्लूबेरी अब अपने हाई विटामिन सी कॉन्टेंट के लिए जाने जाते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आंवले में इनसे 20 गुना अधिक विटामिन सी होता है? आंवला, जिसे इंडियन गुज़बेरीज़ के रूप में भी जाना जाता है, ने अपनी इम्यूनिटी बढ़ाने की क्षमता कारण कोविड-19 महामारी के दौरान सभी का ध्यान आकर्षित किया. यह अपने ऐंटी-एजिंग और वजन घटानेवाले गुणों के लिए भी जाना जाता है. आंवला आपके दिमाग़ और आंखों के स्वास्थ्य के लिए भी फ़ायदेमंद है.
हालांकि आंवला एक मौसमी फल है, हालांकि आप इसे सुखाकर, अचार बनाकर या कई औ पारंपरिक ढंग से संरक्षित कर सकते हैं. इस तरह, आप पूरे साल आंवले का लाभ उठा सकेंगे.
गोजी बेरीज़ की जगह काला जामुन चुनें
गोजी बेरीज़ की लोकप्रियता उसके ब्लड शुगर को नियंत्रित करनेवाले गुणों की वजह से है. पर आपको यह पता होना चाहिए कि इंडियन काला जामुन भी इस गुण से भरपूर है. काला जामुन इम्युनिटी मज़बूत करने और गले की ख़राश को कम करने में कारगर साबित होता है. इसमें कैल्शियम, पोटैशियम, आयरन और विटामिन सी भी अच्छी मात्रा में मौजूद होते हैं.
गोजी बेरीज की जगह आप आंवले का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. क्या आप जानते हैं कि आंवला में प्रति 100 ग्राम में 252 मिलीग्राम विटामिन सी होता है, जबकि गोजी बेरीज में केवल 48 मिलीग्राम होता है? यानी करीब पांच गुना! गोजी बेरीज पैकेजिंग के दौरान अपनी कुछ विटामिन सी कॉन्टेंट खो सकते हैं, क्योंकि वे प्रॉसेस्ड फॉर्म में बेचे जाते हैं.
माचा टी की जगह इंडियन मोरिंगा चुनें
जापानी माचा चाय अच्छे परिणामों की वजह से काफ़ी लोकप्रिय रही है, लेकिन यह स्वीकार करने का समय आ गया है कि पोषण के मामले में इंडियन मोरिंगा अपने जापानी कॉम्पटिटर से बेहतर है, इसमें 10 गुना अधिक फ़ाइबर, 30 गुना अधिक प्रोटीन और 100 गुना अधिक कैल्शियम होता है. यह ऐंटी-ऑक्सिडेंट का एक शानदार स्रोत है, हृदय रोग के जोखि़मों को कम करता है, प्रतिरक्षा को बढ़ाता है, मूड बेहतर बनाने में मदद करता है और वजन घटाने में सहायक है.
केल की जगह पालक
यदि आप अपना वजन कम करने की कोशिश कर रहे हैं और केल जैसे विदेशी सुपरफ़ूड्स पर निर्भर हैं, तो जान लें कि भारतीय सब्जि़यां इसे आसानी से मात दे सकती हैं. पालक और अन्य पौष्टिक साग बाज़ारों में व्यापक रूप से उपलब्ध हैं. इनमें केल की तुलना में अधिक फ़ॉलेट और विटामिन ए और के पाए जाते हैं. पालक और केल दोनों वजन घटाने और हृदय स्वास्थ्य में मदद करते हैं. पालक पोषक तत्वों का पावरहाउस है. एक स्वस्थ शुरुआत के लिए, इसे भोजन में शामिल करें या स्मूदी में मिलाएं.
कीन्वा की जगह काबुली चना
होल ग्रेन फैमिली का स्टार कीन्वा इन दिनों काफ़ी पॉप्युलर हो चला है. हालांकि काबुली चना इसके अपेक्षाकृत ही पोषण प्रदान करता है. कीन्वा की तरह, काबुली चना (छोले) स्वाभाविक रूप से ग्लूटन-फ्री होते हैं और प्लांट-बेस प्रोटीन और फ़ाइबरयुक्त ‘गुड’ कार्बोहाइड्रेट का एक विशेष संयोजन पेश करते हैं.
आधा कप पके हुए कीन्वा में लगभग 20 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 2.5 ग्राम फ़ाइबर और 4 ग्राम प्रोटीन होता है, जबकि आधा कप छोले में 17 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 5 ग्राम फ़ाइबर और 5 ग्राम प्रोटीन होता है. दोनों खनिजों और ऐंटी-ऑक्सिडेंट में उच्च हैं और गर्म, ठंडा या आटे के रूप में दोनों का सेवन किया जा सकता है.
ऑलिव ऑयल की जगह नारियल या सरसों का तेल ट्राय करें
इसमें आश्चर्य की कोई बात नहीं है कि पश्चिम में लोगों ने अपने खाना पकाने में बड़े पैमाने पर नारियल के तेल का उपयोग करना शुरू कर दिया है- इसमें हेल्दी फ़ैट होता है, फ़ैट बर्निंग को बढ़ावा देता है और शरीर में अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है. इसी तरह सरसों के तेल में ऐंटी-माइक्रोबियल गुण होने के साथ-साथ हाई स्मोक पॉइंट भी होता है. ये भारतीय तेल वनस्पति या रिफाइंड तेलों से कहीं बेहतर हैं और जैतून के तेल की तुलना में बहुत कम महंगे हैं.
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