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ऐसे बालों वाले लोगों को होता है हार्ट अटैक का अधिक खतरा

Apurva Srivastav
23 May 2023 2:58 PM GMT
ऐसे बालों वाले लोगों को होता है हार्ट अटैक का अधिक खतरा
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हाल ही में हुए एक शोध में यह बात सामने आई है कि किसी भी व्यक्ति के बालों से यह पता लगाया जा सकता है कि भविष्य में उसे दिल का दौरा पड़ सकता है या नहीं। शोधकर्ताओं ने हाल ही में पाया कि मानव बालों में तनाव हार्मोन मौजूद होते हैं। जिसकी जांच के बाद हार्ट अटैक (सीवीडी) के खतरे का पता लगाया जा सकता है। डबलिन, आयरलैंड में इस साल यूरोपियन कांग्रेस ऑन ओबेसिटी (ईसीओ) में पेश किए गए अध्ययन से पता चला है कि मानव बालों में ग्लूकोकार्टिकोइड्स - स्टेरॉयड हार्मोन के स्तर मौजूद हैं। जो एक समय के बाद बढ़ता है। जांच के बाद पता चला है कि भविष्य में इन हार्मोन्स का स्तर बढ़ने से हार्ट अटैक का खतरा भी बढ़ जाता है।

ऐसे बालों वाले लोगों के लिए हार्ट अटैक का खतरा काफी बढ़ जाता है।

इस पूरे शोध का निष्कर्ष तैयार करने के लिए पुरुष और महिला की एक टीम बनाई गई। जिसमें 18 साल से अधिक उम्र के लोग शामिल थे। इन लोगों के कुल 6,341 बालों के नमूने लिए गए हैं। जिसमें कोर्टिसोल और कोर्टिसोन के स्तर की जांच की गई। इसमें शामिल सभी प्रतिभागियों के बालों का परीक्षण किया गया। इस पूरी जांच प्रक्रिया में यह पाया गया कि जिन लोगों के बालों में कोर्टिसोन की मात्रा अधिक होती है और यह कई दिनों तक बढ़ता रहता है। जिसे नियंत्रित नहीं किया जा सकता है। उन लोगों के लिए हार्ट अटैक का खतरा दोगुना बढ़ जाता है।

57 साल की उम्र के बाद हार्ट अटैक का खतरा दोगुना हो जाता है

जिन व्यक्तियों की आयु 57 वर्ष या उससे अधिक है। और उनके बालों में कोर्टिसोन का स्तर बहुत अधिक होता है। उनमें हार्ट अटैक का खतरा तीन गुना बढ़ जाता है। हालांकि, सीवीडी के ज्यादातर मामले 57 साल और उससे अधिक उम्र के लोगों में होते हैं। उम्मीद है कि बालों का यह खास टेस्ट इस पूरे टेस्ट के लिए काफी मददगार साबित होगा। इस जांच प्रक्रिया के आधार पर डॉक्टर कुछ हद तक पता लगा सकते हैं कि किस व्यक्ति को हृदय रोग, हार्ट अटैक का खतरा हो सकता है। तब शायद भविष्य में शरीर में तनाव हार्मोन के प्रभाव को नियंत्रित करने के लिए अलग से कुछ कदम उठाए जाएं।

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