लाइफ स्टाइल

अत्यधिक अहंकारी व्यवहार वाले लोग जल्दी करते हैं तरक्की, जानें क्या होता है नार्सिसिज्म

Tulsi Rao
3 Sep 2021 11:13 AM GMT
अत्यधिक अहंकारी व्यवहार वाले लोग जल्दी करते हैं तरक्की, जानें क्या होता है नार्सिसिज्म
x
अक्सर कहा जाता है कि किसी भी क्षेत्र में सफलता की सीढ़ियां चढ़ने के लिए कठिन परिश्रम करना पड़ता है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अक्सर कहा जाता है कि किसी भी क्षेत्र में सफलता की सीढ़ियां चढ़ने के लिए कठिन परिश्रम करना पड़ता है। मगर एक हालिया अध्ययन की मानें तो अहंकारी व्यवहार भी इस मामले में मददगार साबित हो सकता है। अध्ययन में दावा किया गया है कि अत्यधिक अहंकारी व्यवहार वाले व्यक्ति कंपनी के सीईओ बनने के लिए 29 प्रतिशत तेजी से करियर की सीढ़ियां चढ़ते हैं।

शोधकर्ताओं ने इटली के आसपास के 241 सीईओ में आत्मविश्वास व आत्मरक्षा के स्तर की तुलना की। सभी के रोजगार इतिहास के साथ प्रश्नावली द्वारा निर्धारित जानकारी के आधार पर ऐसा किया गया।
शिक्षाविदों ने पाया कि नार्सिसिज्म (अहंकार) के लिए उच्चतम स्कोर हासिल करने वाले अधिकारियों को कंपनी में जल्दी पदोन्नत किया गया। इससे पता चलता है कि टॉक्सिक व्यक्तित्व दोष वाले व्यक्ति जितनी जल्दी हो सके अपनी कंपनी के प्रमुख बनने का लक्ष्य पूरा करते हैं और इससे उन्हें लाभ मिलता है। हालांकि ऐसा क्यों है विशेषज्ञ इसकी वजह नहीं जानते हैं।
नार्सिसिज्म क्या है?
नार्सिसिज्म एक ऐसी स्थिति है, जिसमें व्यक्ति आत्ममुग्धता का शिकार होता है। अपने गुणों के ऊपर उसे हद से ज्यादा गर्व और अहंकार होता है। मनोविज्ञान में नार्सिसिज्म को आमतौर पर गर्व, अहंकार से भरा माना जाता है। ऐसे व्यवहार वाले व्यक्तियों में दूसरों के लिए सहानुभूति की कमी होती है। मनोविज्ञान में इसे एक प्रकार का व्यक्तित्व विकार माना जाता है और ऐसे व्यक्ति को नार्सिसिस्ट कहा जाता है।
अहंकार कंपनी प्रमुखों की विशिष्ट विशेषताः
अध्ययनकर्ताओं का कहना है कि यह व्यापक रूप से स्वीकार किया गया है कि अहंकार सीईओ बनने वाले लोगों की एक विशिष्ट विशेषता है। हालांकि इन प्रमुखों के उद्भव और नियुक्ति पर नार्सिसिज्म की भूमिका का अभी तक अध्ययन नहीं किया गया है। इटली में फ्री यूनिवर्सिटी ऑफ बोजेन-बोलजानो द्वारा कराए गए इस शोध को मिलान पॉलिटेक्निक यूनिवर्सिटी में पीएचडी छात्र व सहायक प्रोफेसर पाओला रोवेली ने आयोजित किया है।
अध्ययन द लीडरशिप क्वार्टरली जर्नल में प्रकाशित हुआ है। शोधकर्ताओं का कहना है कि हमारे परिणाम कुछ हद तक चिंताजनकर हैं। जब हमने सीईओ नार्सिसिज्म के प्रति अपनी रुचि विकसित करनी शुरू की तो हमने देखा कि फर्म पर इस विशेषता के परिणामों पर ध्यान केंद्रित किया।
दावा नहीं किया मगर संभावना जताई हैः
शोधकर्ताओं ने यह दावा नहीं किया है कि अहंकारी और आत्ममुग्ध व्यवहार तेजी से कैरियर की तरक्की की वजह बनता है। मगर इसकी संभावना जताई है। नार्सिसिस्ट पदोन्नत होने के लिए अपनी क्षमताओं को अच्छा करने के मामले में बेहतर हो सकते हैं। यह उनकी एक ऐसी रणनीति है, जो बहुत प्रभावी हो सकती है, भले ही वे झूठ बोल रहे हों।
एनपीआई स्कोर के आधार पर निष्कर्ष निकालेः
अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने 241 इतावली सीईओ को शामिल किया। टीम ने सभी इतालवी सीईओ के नार्सिसिस्टिक पर्सनैलिटी इन्वेंटरी (एनपीआई) के जवाबों का इस्तेमाल किया, जिसे मूल रूप से 1979 में यूएस-आधारित शोधकर्ताओं रॉबर्ट रस्किन और हॉवर्ड टेरी द्वारा लोगों के गुणों के स्तर का आकलन करने के लिए विकसित किया गया था।
एनपीआई में 40 बाइनरी चॉइस स्टेटमेंट होते हैं, जिनमें से लोगों को चुनना होता है। इनमें 'दुनिया पर राज करने का विचार मुझे डराता है' या 'अगर मैंने दुनिया पर राज किया तो यह एक बेहतर जगह होगी' जैसे विकल्प शामिल होते हैं। दूसरा विकल्प नार्सिसिज्म को इंगित करता है। एनपीआई पूरा करने वाले लोगों को 40 में से स्कोर इस आधार पर दिए गए कि उन्होंने नार्सिसिज्म वाला बयान कितना बार दिया।
एनपीआई स्कोर की तुलना सीईओ के सीवी और कंपनी में पदोदन्नति से की गई। समान योग्यता वाले औसत मेहनती उम्मीदवारों की तुलना में नार्सिसिज्म में उच्च स्कोर हासिल करने वालों में सीईओ बनने की संभावना 29 प्रतिशत तेज थी।


Next Story