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इन स्थितियों से पीड़ित लोगों को गलती से भी नहीं खाना चाहिए पपीता, वरना...
Gulabi
28 Nov 2021 5:14 PM GMT
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इन लोगों को गलती से भी नहीं खाना चाहिए पपीता
डाइट फाइबर, विटामिन और मिनरल्स से भरपूर, पपीता सबसे ज्यादा पोषक तत्वों से भरपूर फलों में से एक है. मीठा और वाइब्रेंट रंग का फल, अब साल के ज्यादातर समय में उपलब्ध होता है.
इसे पका लें या इसे अपने सलाद में कच्चा जोड़ें, पपीता आपको कुछ अमेजिंग हेल्थ बेनेफिट्स प्रदान कर सकता है.
इसे नियमित रूप से सुबह या भोजन के बीच में खाने से असमय भूख कम हो जाती है, जिससे हार्ट डिजीज, डायबिटीज, कैंसर, लो ब्लडप्रेशर का खतरा कम हो सकता है और आपको हेल्दी वजन बनाए रखने में मदद मिल सकती है भले ही पपीते बेहद हेल्दी होते हैं, लेकिन वो सभी के लिए कंज्यूम के लिए सुरक्षित नहीं हो सकते हैं. कुछ विशिष्ट स्थितियों से पीड़ित लोगों को अपने आहार में पपीते को शामिल करने से बचना चाहिए.
1. गर्भवती महिलाएं
बच्चे के विकास और गर्भवती महिला के स्वास्थ्य के लिए स्वस्थ भोजन करना महत्वपूर्ण है. लेकिन पपीता एक ऐसा फल है जिसे इस लिस्ट से बाहर कर देना चाहिए.
मीठे फल में लेटेक्स होता है जो गर्भाशय के संकुचन को ट्रिगर कर सकता है, जिससे शुरुआती प्रसव हो सकता है. इसमें पपैन होता है जिसे शरीर गलती से प्रोस्टाग्लैंडीन समझ लेता है, जिसका इस्तेमाल आर्टिफिशियल रूप से लेबर को प्रेरित करने के लिए किया जाता है.
ये भ्रूण को सहारा देने वाली झिल्ली को भी कमजोर कर सकता है. ये ज्यादातर आधे-पके पपीते के मामले में होता है.
2. अनियमित दिल की धड़कन वाले लोग
पपीता खाने से दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा कम हो सकता है, लेकिन अगर आप पहले से ही अनियमित दिल की धड़कन की समस्या से जूझ रहे हैं, तो बेहतर होगा कि पपीते का सेवन न करें.
एक स्टडी से पता चलता है कि पपीते में साइनोजेनिक ग्लाइकोसाइड की एक छोटी मात्रा होती है, एक एमिनो एसिड जो मानव पाचन तंत्र में हाइड्रोजन साइनाइड का प्रोडक्शन कर सकता है.
हालांकि, प्रोड्यूस्ड कंपाउंड की मात्रा स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नहीं है, लेकिन इसकी अधिकता अनियमित दिल की धड़कन की समस्या से पीड़ित लोगों के लिए लक्षण खराब कर सकती है. हाइपोथायरायडिज्म से पीड़ित लोगों पर भी इसका समान प्रभाव हो सकता है.
3. एलर्जी वाले लोग
लेटेक्स एलर्जी से पीड़ित लोगों को पपीते से भी एलर्जी हो सकती है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि पपीते में चिटिनासेस नामक एंजाइम होता है.
एंजाइम लेटेक्स और उनमें शामिल भोजन के बीच एक क्रॉस-रिएक्शन की वजह बन सकता है, जिससे छींकने, सांस लेने में कठिनाई, खांसी और आंखों में पानी आता है. कुछ लोगों को पके पपीते की गंध भी अप्रिय लग सकती है.
4. गुर्दे की पथरी वाले लोग
पपीते में ज्यादा मात्रा में विटामिन सी होता है. पोषक तत्व एक रिच एंटीऑक्सीडेंट है, लेकिन पहले से ही गुर्दे की पथरी की समस्या से पीड़ित लोगों के जरिए इस पोषक तत्व के ज्यादा सेवन से स्थिति और खराब हो सकती है.
विटामिन सी के बहुत ज्यादा सेवन से कैल्शियम ऑक्सालेट किडनी स्टोन का निर्माण हो सकता है. ये पथरी के साइज को भी बढ़ा सकता है, जिससे यूरीन के जरिए इसे पार करना कठिन हो जाता है.
5. हाइपोग्लाइसीमिया वाले लोग
पपीता डायबिटीज से पीड़ित लोगों के लिए पसंदीदा फल है क्योंकि ये ब्लड शुगर के लेवल को मैनेज करने में मदद करता है. लेकिन ये उन लोगों के लिए एक बढ़िया ऑप्शन नहीं हो सकता है जो पहले से ही लो ब्लड प्रेशर या हाइपोग्लाइसीमिया की समस्या से पीड़ित हैं.
ऐसा इसलिए है क्योंकि मीठे स्वाद वाले फल में एंटी-हाइपोग्लाइसेमिक या ग्लूकोज कम करने वाले प्रभाव होते हैं.
ये हाइपोग्लाइसीमिया से पीड़ित लोगों में ब्लड शुगर के लेवल को खतरनाक लेवल तक ले जा सकता है, जिससे भ्रम, कंपकंपी और तेज दिल की धड़कन जैसी समस्याएं हो सकती हैं.
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