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अपने ग्रेजुएट बच्चों की मनमानी को लेकर अक्सर माता-पिता शिकायत करते हुए देखे गए हैं। टीनेज 13 से 19 वर्ष के बच्चों पर व्यवहार में काफी बदलाव देखने को मिलता हैं
अपने ग्रेजुएट बच्चों की मनमानी को लेकर अक्सर माता-पिता शिकायत करते हुए देखे गए हैं। टीनेज 13 से 19 वर्ष के बच्चों पर व्यवहार में काफी बदलाव देखने को मिलता हैं। जब ग्रेजुएट बच्चों की गलत हरकत समझकर परेशान हो जाते हैं तो उसे डाटने के साथ सजा देकर बच्चों को सुधारने का प्रयास करते हैं और इस वजह से बच्चे ज्यादा जिद्दी होने लगते हैं। विशेषज्ञों की माने तो ऐज में बच्चों में हार्मोनल चेंजस आते हैं और इसी कारण बच्चों के अंदर चिड़चिड़ापन आ जाता हैं। चलिए हम आपको बताते हैं की किस तरह से अपने बच्चों को समय पर सही दिशा दी जा सकती है. इसके साथ किन समस्याओं से ग्रेजुएट बच्चों सामना होता है।
ज्यादातर माता-पिता की टीनएजर्स बच्चों से यही शिकायत होती है कि वो उनकी बात कभी भी नहीं सुनते, फिर चाहे पढ़ाई हो या सही समय पर सोने-जागने की आदत हो या बच्चों को बार-बार टोकना पड़ जाता हैं पर ऐसी ऐज में बच्चे अपनी पहचान को लेकर जूझ रहे होते हैं और इसमें वे कई बार गलतियां कर लेते हैं.
* टीनेज बच्चों को ये सलाह दे - टीनेज होते ही बच्चों को छोटे-छोटे काम खुद करने के लिए इंस्पायर्ड करें। घर के लिए कुछ भी जरूरी सामान खरीदते समय उनसे भी सलाह लें क्योकि ऐसा करते समय यह जरूरी नहीं हैं कि उनकी हर बात मानी जाए. पर आप अपने फ़ैसले में उनकी राय को शामिल करें। आपके ऐसा करने से उन्हें अंदर से अच्छा महसूस होगा और साथ ही उनका आत्मविश्वास भी बढ़ेगा।
इस ऐज में बच्चों को बात-बात पर गुस्सा आता है फिर गलती पर उन्हें टोका जाता हैं तो वह झल्लाने लगते हैं क्योकि हॉर्मोनल संबंधी असंतुलन इस तरह की समस्या का मुख्य वजह हैं। इसके अलावा इस ऐज में टीनएजर्स का एनर्जी लेवल काफी ज्यादा होता है। अगर आधुनिक जीवनशैली के वजह से आउटडोर गेम्स और फिजि़कल ऐक्टिविटीज खत्म हो गई हैं तो ऐसे में बच्चों को अपनी ऊर्जा को खर्च करने का मौका नहीं मिलता हैं ऐसे में उनका गुस्सा और आक्रामकता नजर आती है। ऐसे हालात में बच्चे पर गुस्से करने की जगह उसे प्यार से अपनी बात समझाएं।
* गलती को न मानना- इस उम्र में कई बच्चे अपनी गलती मानने की जगह अपने पेरेंट्स से बहस करने लगते हैं। इसकी वजह से उनकी संतान अनुशासनबद्ध होने लगती हैं। इसके कारण बच्चे ज्यादा mature नहीं होते हैं। वे अपने आपको बड़ा समझने लगते हैं। और अपनी गलती मानने के लिए तैयार नहीं होते हैं।
अगर इस समय बच्चा गुस्से में हो या अपनी गलती मानने को तैयार न हो रहा हो, तब उसे समझाने का कोशिश न करें। प्यार से उसे उसकी गलतियों को मान लेना सीखाएं, और माफी मंगवाएं।
Rani Sahu
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