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पहली बार बने हैं मां-बाप, तो भूल कर भी न करें ये ग़लतियां
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| नवजात शिशु देखभाल सप्ताह को हर साल 15 नवंबर से 21 नवंबर तक मनाया जाता है। ये हफ्ता पूरी तरह से एक शिशु के अस्तित्व और विकास के प्रति महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने को समर्पित है। शिशु के पहले 28 दिन, उसके अस्तित्व के लिए महत्वपूर्ण होते हैं और यह बच्चे के विकास की नींव रखते हैं।
एक डाटा के अनुसार, हज़ार में से करीब 25 बच्चों की जान जन्म से 28 दिनों के बीच ही चली जाती है और इसलिए नवजात शिशु की देखभाल के प्रति जागरूकता फैलाना बेहत ज़रूरी है। आइए जानें उन गलतियों के बारे में जो आमतौर पर मां-बाप कर बैठते हैं।
ज़रूरत से ज़्यादा ख़्याल रखन
अपने बच्चे को लेकर चिंता करना प्राकृतिक है, हालांकि इस दौरान एक ऐसी ग़लती जो ज़्यादातर मां-बाप करते हैं, वो है ज़रूरत से ज़्यादा ख़्याल रखना। बच्चे की सेहत और सुरक्षा को लेकर मां-बाप ज़रूरत से ज़्यादा ख़्याल रखने लगते हैं। इसमें कोई शक़ नहीं कि शिशु को 24 घंटे ध्यान रखने की ज़रूरत होती है, लेकिन डॉक्टरों का मानना है कि ज़रूरत से ज़्यादा ध्यान रखना उनके लिए हानिकारक भी हो सकता है।
बच्चे के लिए क्रिब खरीदें
बच्चे के लिए क्रिब यानी पालना न खरीदना मां-बाप की सबसे बड़ी ग़लती हो सकती है। डॉक्टरों की सलाह है कि शिशुओं के लिए हमेशा पालने का इस्तेमाल करना चाहिए, क्योंकि मां-बाप के साथ एक ही बिस्तर पर सोने से अचानक शिशु के मौत सिंड्रोम यानी SIDS होने का ख़तरा रहता है।
बच्चे को रोने न देना
डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, रोना बच्चे के विकास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। वे कहते हैं कि एक बच्चा पूरी तरह से ठीक होने के बावजूद भी रो सकता है और जो पहली बार माता-पिता बनते हैं वे शायद इस बारे में ज्यादा नही सोचते।
पूरा आराम और अच्छी नींद लें
एक नवजात शिशु दिन में लगभग 18-20 घंटे सोता है, हालांकि, वे दिन में कई बार कुछ घंटों के लिए सोते हैं, जिससे मां-बाप को मुश्किलें आती हैं। पहली बार बनें माता-पिता के लिए, डॉक्टरों का सुझाव है कि जब उनका बच्चा सो रहा हो तो, वे भी उसी समय उचित रूप से आराम और अच्छी नीद लें ताकि तरोताज़ा महसूस करें और हर वक्त थकावट न महसूस करें।
खाने के बाद बच्चे को डकार दिलवाना
बच्चे को खिलाने के बाद उसे डकार न दिलवाना शायद पहली बार मां-बाप बने कप्ल्स द्वारा की जाने वाली सामान्य गलतियों में से एक। डॉक्टरों का सुझाव है कि माता-पिता को इसको लेकर घबराना नहीं चाहिए और अपने बच्चे को हर फीड के बाद डकार दिलवानी चाहिए, क्योंकि इससे उन्हें काफी मदद मिलती है।
बुख़ार को अनदेखा न करें
कई मां-बाप बुख़ार को अनदेखा कर देते हैं, उन्हें लगता है कि बच्चे का इतना गर्म होना स्वभाविक है। हालांकि, उन्हें पता होना चाहिए कि शिशु और छोटे बच्चों में 97.52F का तापमान सामान्य माना जाता है। शरीर का तापमान इससे ज़्यादा होता है तो इसे किसी भी हालत में अनदेखा नहीं करना चाहिए। बुख़ार आना किसी गंभीर बीमारी का लक्षण भी हो सकता है।
बच्चे को कभी भी शहद न दें
कई जगहों पर ऐसी परंपरा है, जहां नवजात शिशुओं को शहद खिलाया जाता है। हालांकि, बच्चों को शहद खिलाने से बचना चाहिए, क्योंकि शहद में बैक्टीरियल स्पोर्स होते हैं, जो पेट में संक्रमण के लिए ज़िम्मेदार होते हैं।