धर्म-अध्यात्म

7 अप्रैल को है पापमोचनी एकादशी, जानें मुहूर्त और पूजा विधि

Tara Tandi
6 April 2021 7:06 AM GMT
7 अप्रैल को है पापमोचनी एकादशी, जानें मुहूर्त और पूजा विधि
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हिंदू धर्म में एकादशी का व्रत महत्वपूर्ण स्थान रखता है. प्रत्येक वर्ष चौबीस एकादशियाँ होती हैं

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | हिंदू धर्म में एकादशी का व्रत महत्वपूर्ण स्थान रखता है. प्रत्येक वर्ष चौबीस एकादशियाँ होती हैं. जब अधिकमास या मलमास आता है तब इनकी संख्या बढ़कर 26 हो जाती है. हिन्दू धर्म में कहा गया है कि संसार में उत्पन्न होने वाला कोई भी ऐसा मनुष्य नहीं है जिससे जाने अनजाने पाप नहीं हुआ हो. पाप एक प्रकार की ग़लती है जिसके लिए हमें दंड भोगना होता है. ईश्वरीय विधान के अनुसार पाप के दंड से बचा जा सकता हैं अगर पापमोचिनी एकादशी (Kab Hai Papmochani Ekadashi 2021) का व्रत रखें. पुराणों के अनुसार चैत्र कृष्ण पक्ष की एकादशी पापमोचिनी है अर्थात पाप को नष्ट करने वाली. इस साल पापमोचिनी एकादशी 7 अप्रैल 2021 यानी बुधवार के दिन है.

पापमोचिनी एकादशी व्रत मुहूर्त
पापमोचिनी एकादशी व्रत पारणा मुहूर्त- 01:39 PM से 04:11 PM (8 अप्रैल)
पारण तिथि के दिन हरि वासर समाप्त होने का समय- 08:40 AM
पापमोचिनी एकादशी पूजा विधि
इस दिन पूरे विधि विधान के साथ भगवान विष्णु के चार भुजाओं वाले चतुर्भुज रूप की पूजा अर्चना करें.इस व्रत से एक दिन पहले यानी कि दशमी के दिन इस व्रत को करने वाले लोगों को सात्विक आहार (बिना लहसुन, प्याज का खाना, नॉनवेज) लेना चाहिए. ऐसा करने से मन और शरीर दोनों शुद्ध रहता है. एकादशी के दिन मन ही मन भगवान विष्णु का स्मरण करना चाहिए.
पापमोचिनी एकादशी के दिन सुबह उठकर स्नान करके पूजाघर में जाकर भगवान विष्णु को प्रणाम करने के बाद व्रत का संकल्प लेना चाहिए. इसके बाद भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करनी चाहिए और भगवान को पीले रंग के वस्त्र अर्पित करने चाहिए. फिर 11 पीले फूल और 11 पीली मिठाइयां भगवान को अर्पित करनी चाहिए. इसके बाद भगवान को पीला चंदन अर्पित का उन्हें हल्दी में रंगा हुआ यज्ञोपवीत चढ़ाना चाहिए. इसके बाद आसन पर बैठकर भगवान विष्णु के मंत्रों और नाम का जाप करना चाहिए.


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