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रिएक्टिव अर्थराइटिस घुटने, टखने, हाथों पैरों के जोड़ों को प्रभावित करता है. इसी वजह से मरीज को शरीर के कई हिस्सों में सूजन आती है. रिएक्टिव अर्थराइटिस के लक्षण जितनी जल्दी लोगों को पता चल जाते हैं उतना ही अच्छा होता है. इस बीमारी का शिकार 20 से 40 वर्ष की उम्र के लोग ज्यादा होते हैं. इसमें भी महिलाओं की तुलना में पुरुष त्यादा ग्रसित होते है. अर्थराइटिस होने के पीछे कई वजह होती है जैसे कुछ बैक्टीरिया भी इसके लिए जिम्मेदार होते हैं जो खाने के साथ या यौन संक्रमण की वजह से मरीज के शरीर में प्रवेश कर लेते हैं.
क्यों होता है रिएक्टिव अर्थराइटिस
आपको बता दें कि अर्थराइटिस कुछ बैक्टीरिया की वजह से होता है. जो खाने के साथ या यौन संक्रमण की वजह से आपके शरीर में प्रवेश कर सकते हैं. इन बैक्टीरिया में माइडिया, साल्मोनेला, शिगेला, कैम्पिलोबैक्टर, क्लोस्ट्रीडियम डिफ्फिसिल आदि शामिल हैं. आपको ध्यान रखनना चाहिए कि जो जीवाणु खराब खाने या यौन समस्या की वजह से पैदा होते हैं उनके संपर्क में आने पर रिएक्टिव अर्थराइटिस की समस्या हो सकती है.
रिएक्टिव अर्थराइटिस के ये है लक्षण
जब कोई शख्स रिएक्टिव अर्थराइटिस से ग्रसित होता है, तो उसके शरीर में ये लक्षण देखने को मिलेंगे.
उसे दस्त की समस्या रहेगी. इसके अलावा पेशाब करते वक्त दर्द भी महसूस होगा.
आंखों के आस-पास सूजन आ सकता है. इसके अलावा रीढ़ की हड्डी में भी दर्द महसूस होगा.
मूत्र मार्ग में सूजन महसूस होगा, मुंह में छाले निकल आएंगे.
इसका उपचार क्या है?
अगर वाटर वॉकिंग करें, तो रिएक्टिव अर्थराइटिस को बढ़ने से रोका जा सकता है. ऐसा इसलिए क्योंकि जब व्यक्ति पानी में चलता है तो उसके जोड़ों पर कम दबाव पड़ता है. ट्रेडमिल से भी अर्थराइटिस की समस्या को रोका जा सकता है. वाटर एरोबिक्स करके भी इसके प्रभाव को कम कर सकते हैं. इस एक्सरसाइज में शख्स का शरीर पानी में होता है केवल गर्दन और चेहरा ऊपर की ओर होता है. आपको बता दें कि ट्रेडमिल से जोड़ों को मजबूत किया जा सकता है. हमेशा घर का ताजा बना हुआ भोजन का ही सेवन करें, जिससे भोजन में बैक्टीरिया कम से कम रहेंगे क्योंकि मार्केट में साफ-सफाई का कितना ध्यान रखा जाता है? ये आप जानते ही है.