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चैत्र नवरात्रि के मौके पर जानिए माता के इस शक्तिपीठ के बारे में, आखिर देवी को घोड़ा अर्पित करने की क्या है वजह?

Tara Tandi
1 April 2022 5:01 AM GMT
चैत्र नवरात्रि के मौके पर जानिए माता के इस शक्तिपीठ के बारे में, आखिर देवी को घोड़ा अर्पित करने की क्या है वजह?
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 चैत्र नवरात्रि के मौके पर जानिए माता के इस शक्तिपीठ के बारे में, आखिर देवी को घोड़ा अर्पित करने की क्या है वजह?

चैत्र नवरात्रि के मौके पर भारत में माता के प्रसिद्ध और अद्भुत मंदिरों के दर्शन करने की इच्छा रखते हैं तो पहले कुछ पवित्र देवी मंदिरों के बारे में जान लें।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। चैत्र नवरात्रि के मौके पर भारत में माता के प्रसिद्ध और अद्भुत मंदिरों के दर्शन करने की इच्छा रखते हैं तो पहले कुछ पवित्र देवी मंदिरों के बारे में जान लें। माता सती के अंग धरती पर जहां जहां गिरे वह शक्तिपीठ बन गए। वैसे तो सभी शक्तिपीठों की अपनी अपनी महिमा में है। लेकिन देश भर स्थित देवी के 52 शक्तिपीठों में एक शक्तिपीठ को मनोकामना पूर्ति शक्तिपीठ माना जाता है। इस पावन शक्तिपीठ में साल भर भीड़ रहती है। नवरात्रि के दौरान यहां दूर दराज से भक्त अपनी अपनी मनोकामनाएं लेकर पहुंचते हैं। माता के दर्शन और सच्चे मन से प्रार्थना करने से देवी उनकी मनोकामना पूरी करती हैं। इस शक्तिपीठ को लेकर एक प्रसिद्ध और दिलचस्प कथा भी है। यहां भक्त माता को सोने, चांदी या मिट्टी के घोड़े चढ़ाते हैं। इसके पीछे खास वजह है। इस चैत्र नवरात्रि के मौके पर जानिए माता के इस शक्तिपीठ के बारे में, आखिर देवी को घोड़ा अर्पित करने की क्या है वजह?

कुरुक्षेत्र में माता का पावन शक्तिपीठ
माता के 52 शक्तिपीठों में से एक हरियाणा के कुरुक्षेत्र में स्थित है। यहां माता काली के आठ रूपों में से एक मां भद्रकाली के स्वरूप की पूजा होती है। इस शक्तिपीठ का नाम मां भद्रकाली देवीकूप मंदिर है। इस मंदिर में माता के दर्शन के लिए लोग दूर दूर से आते हैं।
देवीकूप शक्तिपीठ में माता सती का कौन सा अंग गिरा
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, जब भगवान शिव माता सती के वियोग में उनका शरीर लेकर शिव तांडव कर रहे थे तो भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र से माता सती के शव के टुकड़े कर दिए। धरती पर वह जहां जहां गिरे, वह पावन शक्तिपीठ बन गया। इस जगह पर माता सती का दायां टखना गिरा था।
मंदिर से जुड़ी मान्यता
कुरुक्षेत्र स्थित माता भद्रकाली देवीकूप मंदिर में माता काली के स्वरूप की पूजा होती है। यहां आने वाले भक्त माता के चरणों में सोने, चांदी और मिट्टी के घोड़े अर्पित करते हैं।
माता को क्यों घोड़े अर्पित किए जाते हैं?
मां भद्रकाली देवीकूप शक्तिपीठ में माता को सोने, चांदी या मिट्टी के घोड़े चढ़ाने के पीछे एक खास वजह है। मान्यताओं के मुताबिक, महाभारत के युद्ध में अर्जुन ने विजय के बाद माता के इस पावन मंदिर में अपना सबसे श्रेष्ठ घोड़ा अर्पित किया था। तब से यहां माता को घोड़े चढ़ाने की परंपरा है। भक्त असली घोड़े की जगह सोने, चांदी और मिट्टी के बने घोड़े चढ़ाकर मन्नत मांगते हैं।
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