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पेट से जुड़ीं कई बीमारियों की जड़ है मोटापा, रोज 40 मिनट टहलना जरूरी
हेल्थ न्यूज़: पेट संबंधी कई बीमारियों की जड़ मोटापा है. फैटी लिवर, पेट में गैस, कोलेस्ट्रॉल, ब्लड शुगर आदि बीमारियों का कारण भी मोटापा है. गैस, कब्जियत आदि भी लाइफ स्टाइल जनित बीमारियों का कारण मोटापा ही है.
नियमित व्यायाम, रोज 40 मिनट टहलने, संतुलित खान-पान और कुछ दवाइयों से इसे नियंत्रित किया जा सकता है. जब इससे नियंत्रण नहीं हो पाए तो बैरियाट्रिक सर्जरी से इसको ठीक किया जा सकता है. राज्य में सिर्फ आईजीआईएमएस में ही इस सर्जरी की सुविधा है. तंबाकू, शराब, सिगरेट, अनियंत्रित शुगर, तेल-मसाला, घी, अत्यधिक मांसाहार भी फैटी लिवर का कारण होता है. रोज 40-50 मिनट की पैदल चाल और उपरोक्त हानिकारक पदार्थों से दूरी से इसे ठीक किया जा सकता है. पित्त की थैली में पथरी स्टोन का आकार छोटा हो या बड़ा यह बड़ी परेशानी का कारण बन सकता है. इससे पैंक्रियाज में सूजन, जौंडिस, गॉल ब्लाडर में कैंसर तक की समस्या हो सकती है. अत जितनी जल्दी हो इसे सर्जरी अथवा लैप्रोस्कोपिक विधि से निकलवा लेना चाहिए. ये सलाह पेट रोग विशेषज्ञ व आईजीआईएमएस के गैस्ट्रो सर्जरी विभाग के वरीय चिकित्सक डॉ. साकेत कुमार सिंह ने कहा कि आंव आना (कोलाइटिस) और अल्सरेटिव कोलाइटिस खतरनाक बीमारी है. शुरुआत में ही इसका इलाज करा लेना चाहिए.
अन्यथा बाद में यह कैंसर का रूप ले लेता है. खाना निगलने में परेशानी एक्लेसिया बीमारी है. दवा या इंडोस्कोपी से फायदा ना हो तो आईजीआईएमएस में दूरबीन विधि से इसका इलाज है.
महत्वपूर्ण सलाह:
● कब्जियत व गैस के लिए दवा को आदत ना बनाएं, लाइफस्टाइल में सुधार करें और प्रचूर मात्रा में पानी पीएं
● पेट में संक्रमण, आंत में सूजन अथवा कोलाइटिस हो तो इसे नजरअंदाज ना करें, गैस्ट्रो सर्जन से सलाह लें
● गॉल ब्लाडर में स्टोन का एकमात्र इलाज सर्जरी ही है. पता चलने के बाद इसे निकलवाने में देरी ना करें
सवाल- गॉल ब्लाडर में 18.2 सेमी की पथरी है. कभी-कभी पेट में दर्द हो जाता है. - भगवान महतो, समस्तीपुर.
सलाह- पेट में दर्द कब्जियत के कारण भी होता है. गॉल ब्लाडर में पथरी है और दर्द होने लगा है तो तत्काल इसकी सर्जरी करानी चाहिए. देर करने पर यह कैंसर का रूप ले सकता है. एक दिन में लैप्रोस्कोपिक विधि से सर्जरी कराने पर अस्पताल से छुट्टी मिल जाती है.
सवाल- काफी कब्ज रहता है. शौच करते वक्त कई बार काफी दर्द होता है. - राघव जहानाबाद.
सलाह- कब्जियत आंत के लिए ठीक नहीं है. आप पपीता, भिंडी, नेनुआ, भरपूर सलाद, मौसमी फल खाइए. प्रतिदिन 40 मिनट टहलें और योग करें. खूब पानी पीएं. तेल-मसाला और मांसाहार से परहेज करें.
सवाल-दिनभर बैठकर काम करना होता है. ऐसे में पेट हमेशा भरा महसूस होता है. भूख कम लगती है. छाती के बीच में भी भारीपन रहता है. - वैशाली से पवन कुमार, छपरा से अविनाश कुमार यादव.
सलाह- बैठकर काम करनेवालों में ऐसी समस्या होती है. बैठते हैं तो पानी खूब पीएं. भोजन करने से पहले 10 और उसके बाद 10 मिनट टहलें.
सवाल फैटी लिवर हो गया है. पेट के ऊपर हमेशा भारीपन महसूस होता है.
सलाह- तंबाकू, खैनी, मैदा, चीनी, कोल्ड ड्रिंक्स पूरी तरह से छोड़ दें. ज्यादा तेल, रिफाइंड और घी भी इसका बड़ा कारण होता है. सादा खाना खाएं.
सवाल- पत्नी का वजन बहुत ज्यादा है. मोटापा के कारण चलना मुश्किल हो गया है. पेट में हमेशा परेशानी होती है. - चंद्रशेखकर, पटना.
सलाह- आईजीआईएमएस में ओपीडी में मिलें. दवाइयों से नियंत्रित करने का प्रयास किया जाता है. अगर ठीक नहीं होता है तो बैरियाट्रिक सर्जरी से मोटापा का इलाज होता है.
इन्होंने पूछे सवाल बेतिया से विनोद प्रसाद, पटना से रवि, भागलपुर से उमाशंकर भगत, लखीसराय से प्रशांत, मधेपुरा से ललित कुमार, पटना सिटी से राजीव सिन्हा, गया से अभय, मुजफ्फरपुर से रामसुभग सिंह, राजेश, अबु कलाम, मुंगेर से अमित, बक्सर से गोपाल सम्राट, रोहतास से कृष्णा, बेगूसराय से अशोक शर्मा व अन्य.