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अब टीबी मरीजों का होगा दवा से इलाज

Rani Sahu
11 Sep 2022 5:23 PM GMT
अब टीबी मरीजों का होगा दवा से इलाज
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टीबी यानी मल्टी ड्रग रेजिस्टेंस (एमडीआर) के मरीजों को अब पीड़ा देने वाले केनामाइसिन इंजेक्शन (kanamycin injection) लगाने की जरूरत नहीं होगी। इन मरीजों का इलाज अब दवा से किया जाएगा। ये दवा (Medicine) जिला मुख्यालय पर क्षय रोग निवारण केंद्र से 15 मार्च से पहले मिलने लगेगी। दवा का वितरण एक मार्च से होना था। लेकिन स्थानीय स्तर पर सीरम इलेक्ट्रोलाइट सहित कई जांच की सुविधा नहीं होने के कारण निदेशालय से गाइड लाइन लेकर ही शुरू किया जाएगा। निदेशालय से ओरल लेने वाली बीडाक्विलिन दवा के एमडीआर मरीजों का इलाज भी संभव है। इस दवा से स्पूटम पाजिटिव मरीज से जल्द निगेटिव हो जाते हैं। इस नई दवा से मरीज का 9 से 11 महीने में इलाज हो सकेगा। ये दवा शुरुआत में 4 से 6 महीने ही देने पड़ेगी और निगेटिव होने के बाद सामान्य टीबी के मरीजों वाली दवा पर मरीजों को लिया जाएगा। इस दवा से एमडीआर मरीजों से टीबी के फैलाव पर भी अंकुश किया जाएगा। यह दवा अब ओपीडी मरीजों की सीरम इलेक्ट्रोलाइट, सीबीसी, टीएलसी, डीएलसी, ईसीजी सहित अन्य जांच कराने के बाद दी जाएगी। जांच कराने के बाद मरीजों की 7 दिन तक माॅनिटरिंग की जाएगी। झुंझुनू जिला क्षय रोग निवारण अधिकारी डाॅ. विजय सिंह ने बताया कि दवा वितरण मार्च में जल्द ही शुरू करेंगे। कोशिश है 15 मार्च से दवा मरीजों को दी जाने लगे। सीरम इलेक्ट्रोलाइट (serum electrolyte) सहित अन्य जांच की जरूरत होगी, जिसके लिए निदेशालय से गाइडलाइन मांगी जाएगी। क्योंकि ये जांच क्षय रोग निवारण केन्द्र पर उपलब्ध नहीं हैं। उद्देश्य है कि ये जांच की सुविधा मरीजों को निशुल्क मिले। इसके लिए सरकार की निर्धारित दर पर कांट्रेक्ट पर भी जांच कराई जा सकती है। ये बेहद असरकारक दवा है। मरीजों को इंजेक्शन के दर्द से मुक्ति मिलेगी और दवा से जल्द ठीक होंगे। बीडाक्विलिन दवा पहले जयपुर मुख्यालय के टीबी हाॅस्पिटल से एमडीआर मरीजों को भर्ती करने के बाद शुरू की जाती थी। क्योंकि इसे पहले कार्डियो टाॅक्सिक माना गया था। वहां से दवा की शुरुआत कर मरीज को जिला मुख्यालय के लिए रैफर कर दिया जाता था और मरीज को फिर ये दवा जिला मुख्यालय के क्षय रोग निवारण केन्द्र से मिलने लग जाती थी। इसके साइड इफेक्ट नहीं होने के बाद इसे अब ओपीडी मरीजों को वितरण शुरू करने के अधिकार दिए गए हैं। एमडीआर टीबी की मरीज गर्भवती महिलाओं (pregnant women) और बच्चों को स्तनपान कराने वाली माताओं को बीडाक्विलिन दवा नहीं दी जा सकेगी। साथ ही अगर मरीज की हालत ज्यादा खराब है तो ही भर्ती कर इलाज शुरू किया जाएगा। अन्य ओपीडी मरीजों को ये दवा दी जाएगी।
Rani Sahu

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