लाइफ स्टाइल

अब कोरोना वैक्सीन को लेकर तीखी बहस, जानिए UAE ने इसके बारे में क्या कहा

Tara Tandi
24 Dec 2020 5:57 AM GMT
अब कोरोना वैक्सीन को लेकर तीखी बहस, जानिए UAE ने इसके बारे में क्या कहा
x
लाल या हराम पर चली आ रही बहस के बीच संयुक्त अरब अमीरात की फतवा काउंसिल ने वैक्सीन के इस्तेमाल की इजाजत दे दी है.

जनता से रिश्ता बेवङेस्क| लाल या हराम पर चली आ रही बहस के बीच संयुक्त अरब अमीरात की फतवा काउंसिल ने वैक्सीन के इस्तेमाल की इजाजत दे दी है. गौरतलब है कि धार्मिक मामलों पर संयुक्त अरब अमीरात में फतवा देनेवाली फतवा काउंसिल आधिकारिक संस्था है. उसका काम शरीयत के मुताबिक फतवा देने का है.

कोविड-19 का इस्तेमाल नहीं है हराम

यूईए फतवा काउंसिल के चेयरमैन शेख अब्दुल्लाह बिन बयाह की तरफ से जारी बयान के मुताबिक इस्लामी दृष्टिकोण से कोविड-19 वैक्सीन को इस्तेमाल करने की इजाजत है. फतवा में कहा गया कि अगर वैक्सीन में गैर हलाल सामग्री के तत्व भी शामिल हैं, तो भी शरीयत के सिद्धांत के मुताबिक इस्तेमाल किया जा सकता है क्योंकि इसका कोई विकल्प नहीं है. कोविड-19 वैक्सीन का टीकाकरण लोगों के लिए सुरक्षात्मक दवा के तहत वर्गीकृत किया गया है.

UAE फतवा काउंसिल का बयान

बीमारी के ज्यादा खतरे के कारण जब स्वस्थ लोगों को संक्रमित होने का डर है, तो ऐसे में पूरे समाज को खतरा है. फतवा काउंसिल ने लोगों से टीकाकरण मुहिम में सरकार का साथ देने का आह्वान किया. उसने कहा कि संबंधित मेडिकल अधिकारी और विशेषज्ञ वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स का पता लगाने के लिए अधिकृत हैं.

फतवा काउंसिल ने इस सिलसिले में उठाए गए सुरक्षात्मक और एहतियाती उपायों का सम्मान करने की अपील की. आपको बता दें कि काउंसिल का फतवा ऐसे समय आया है जब कोरोना वायरस से बचाव की वैक्सीन पर इस्लामिक देशों में हलाल और हराम की बहस छिड़ गई है. ऐसे में काउंसिल ने अपने फतवे में पोर्क जिलेटिन को फूड ना मानते हुए दवा माना है.

आम वैक्सीन का तत्व पोर्ट जिलेटिन के इस्तेमाल पर हराम होने से टीकाकरण मुहिम के प्रभावित होने का अंदेशा था. लोगों को संक्रमण से सुरक्षित करने के लिए टीकाकरण अभियान की शुरुआत कई देशों में हो चुकी है. अमेरिका और यूरोपीय समेत खाड़ी देशों में भी कोविड-19 वैक्सीन आम लोगों को दी जा रही है.

Next Story