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लाइफ स्टाइल
महिलाओं को ही नहीं अब मर्दों को भी हो रही ये बीमारी, जानें पेशाब के रास्ते आने लगे खून तो क्या करें?
Deepa Sahu
19 Sep 2021 3:59 PM GMT
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हमारे शरीर के अंदर कई भाग हैं जो अपने अपने काम करते हैं।
हमारे शरीर के अंदर कई भाग हैं जो अपने अपने काम करते हैं। उन्हीं में से एक है यूरिनरी ट्रैक्ट। यह हमारे शरीर से पेशाब को बाहर निकालने का काम करता है। पुरुषों में यह भाग उनकी किडनी और गुर्दे में होते हैं। साथ ही यहां पर ही मूत्राशय (यूट्रस) और यूरेथरा भी होता है। आपको बता दें कि यूट्रस दो ट्यूब होती हैं जो पेशाब को आपकी किडनी से लेकर ब्लैडर तक लेकर जाती है।
वहीं यूरेथ्रा एक सिंगल ट्यूब होती है जो मूत्राशय के जरिए आपके पेशाब को प्रोस्टेट और फिर लिंग के अंत तक लेकर जाती है। ऐसे में जब भी खराब बैक्टीरिया आपके यूरिनरी ट्रैक्ट में जमा हो जाते हैं तो इससे आप संक्रमित हो जाते हैं। आमतौर पर यह पुरुषों के मामले महिलाओं को अधिक होता है। लेकिन पुरुषों में भी देखने को मिलते हैं।
यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन के प्रकार
डॉक्टर यूरिनरी ट्रैक्ट (UTI) को दो तरह से देखते हैं। पहला अप्पर और दूसरा लोअर। जब आपके ऊपरी भाग में इंफेक्शन होता है तो यह गुर्दे या मूत्रमार्ग की समस्या में गिना जाता है। वहीं जब लोअर संक्रमण होता है तो यह प्रोस्टेट और ब्लैडर में होता है।
UTI के लक्षण
यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन के लक्षण इस बात पर निर्भर करते हैं कि आपको इंफेक्शन कहां हुआ है। इसके लक्षण कुछ इस प्रकार हैं।
बार - बार पेशाब आना
हर समय ऐसा लगना कि आपको पेशाब करना है
पेशाब करने के बाद दर्द, जलन या बेचैनी होना
आपके पेट के नीचे दर्द होना
बिस्तर में ही पेशाब कर देना
पेशाब से बदबू आना
पेशाब से रक्त आना
बुखार और जी घबराना
हाथ या पीठ के ऊपरी हिस्से में दर्द रहना
इसके अलावा कुछ पुरुषों में इस इंफेक्शन के कोई लक्षण दिखाई नहीं देते।
यूटीआई का निदान
यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन को समझने के लिए डॉक्टर आप से आपके यौन इतिहास और लक्षणों के बारे में पूछ सकते हैं। इसके अलावा यूरीन टेस्ट के जरिए भी यूटीआई की समस्या का पता लगाया जा सकता है।
लेकिन अगर समस्या प्रोस्टेट से जुड़ी हुई हो, तो यह आपको एक्स - रे या अल्ट्रासाउंड भी करवाना पड़ सकता है। ताकि आपके डॉक्टर आपके यूरिनरी ट्रैक्ट को बेहतर तरीके से समझ सके।
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एंटीबायोटिक दवाओं का सहारा लें
डॉक्टर आपकी ताजा स्थिति के आधार पर ही इलाज की प्रक्रिया तय करता है। यूटीआई के लिए आमतौर पर लोगों को एंटीबायोटिक दवाएं ही दी जाती हैं। यह कम से कम एक सप्ताह और अधिकत 2 सप्ताह तक लेनी होती है। यह भी स्थिति पर ही निर्भर करता है। कई मामलों में एंटीबायोटिक आईवी के माध्यम से दी जाती हैं। हालांकि यह बहुत ही कम मामलों में किया जाता है। ज्यादातर लोगों को केवल एंटीबायोटिक दवाओं का ही सेवन करना पड़ता है।
यूटीआई का कारण और जोखिम
मूत्रमार्ग में यूटीआई की समस्या की समस्या की सबसे आम वजह यौन संचारित रोग है। क्लैमाइडिया और गोनोरिया इसके दो मुख्य कारण होते हैं। ज्ञात हो की यह समस्या युवाओं में अधिक होती हैं और इसकी वजह यौन संचारित रोग ही होता है।
इसके अलावा प्रोस्टेट प्रॉब्लम की वजह से भी यूटीआई की समस्या हो सकती है। आमतौर पर यह समस्या एक आयु के बाद ही पुरुषों में देखने को मिलती है। इस स्थिति की वजह बड़े हुए प्रोस्टेट है । यह समस्या मूत्र के प्रवाह को अवरुद्ध कर सकती है। साथ ही इसकी वजह से बैक्टीरिया बढ़ जाता है जो यूटीआई की समस्या हो सकती है।
इलाज न होने पर किडनी तक फैल सकता है इंफेक्शन
अगर आप यूटीआई की समस्या का समय पर इलाज नहीं करते तो यह आपकी किडनी तक फैल सकता है। इसके बाद किडनी का इलाज किया जाता है। हालांकि बहुत कम ही मामलों में यह किडनी से जुड़े हुए रोगों की शक्ल लेता है। लेकिन कई बार ऐसा हो भी सकता है। इससे किडनी खराब हो जाती है।
किडनी की दिक्कत अधिक होने पर खून का संक्रमण भी हो सकता है जिसे सेप्सिस कहा जाता है। इस समस्या में आप खुद को अधिक बीमार महसूस करते हैं और इलाज कराना जरूरी हो जाता है।
कैसे करें यूटीआई से बचाव
आप इस समस्या को पैदा होने से नहीं रोक सकते। लेकिन अगर आप संबंध स्थापित करते समय सुरक्षा का ध्यान रखें तो आप संचारित बीमारी से बचे रह सकते हैं। इससे यूटीआई का जोखिम भी खुद ही कम हो जाता है। इसके अलावा अगर आप प्रोस्टेट समस्या का समय पर इलाज करा लेते हैं तो भी आप यूटीआई की समस्या से बच सकते हैं।
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