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मुँह के छाले एक सामान्य समस्या है जो लगभग सभी लोगों को कभी न कभी होती है। यह छाले गालों के अन्दर, जीभ पर और होंठों के अन्दर की तरफ होते हैं। यह सफेद या लाल घाव की तरह दिखाई देते हैं। यह ऐसे तो कोई बड़ी समस्या नहीं है पर यह बहुत ही कष्टदायक होती है, छालों की वजह से मुँह में जलन तथा कुछ भी खाने में परेशानी होती है तथा कईं बार मुँह से खून भी निकलता है। समय पर इसका इलाज न कराने से यह कभी-कभी कैंसर का कारण भी बन जाता है।
अधिक तीखा, पेट की खराबी या कब्ज होने पर यह स्थिति देखी जाती है इसमें जलन तथा कुछ भी खाने में बहुत कठिनाई होती है। मुँह में छाले पित्त दोष होने के कारण होता है।
एप्थस छाले - यह पेट की खराबी, तीखा भोजन या अन्य उपरोक्त कारणों से होने वाले छाले हैं। यह किसी बीमारी के कारण और दूसरों के कारण फैलते नहीं हैं। यह Non–Contagious होते हैं।
बुखार के छाले - यह होंठों के आस-पास हर्पिज सिम्प्लेक्स वायरस के कारण होते हैं।
छालों के कारण
- पेट की खराबी या कब्ज रहना।
- दाँतों को कड़क बालों वाले ब्रश से साफ करना या चबाते समय गलती से गाल का कट जाना।
- हेलिकोबैक्टर पाइलोरी नामक बैक्टीरिया की मौजूदगी की वजह।
- विटामिन बी-12, जिंक, फोलिक एसिड और आयरन की शरीर में कमी होना।
- महिलाओं में मासिक धर्म के समय होने वाले हार्मोन्स में बदलाव के कारण।
- टूथपेस्ट या माउथवॉश का प्रयोग करना जिसमें सोडियम लॉयरल सल्फेट मौजूद हो।
- एस्पिरिन या एल्कोहल जैसे रसायन हमारे मुँह की श्लेष्मा झिल्ली के सम्पर्क में आने से उसको परिगलित करते हैं जिससे यहाँ छाले बन सकते हैं। लम्बे समय से कब्ज की समस्या रहने वालों में बार-बार मुँह के छाले हो जाते हैं।
- आंत्र के रोग जैसे क्रोन रोग और अल्सरेटिव कोलाइटिस होने पर।
- अत्यधिक तला-भुना एवं मिर्च-मसाले वाला भोजन करना।
- कुछ लोगों में किसी विशेष खाद्य सामग्री के प्रति संवेदनशीलता या एलर्जी देखी जाती है जैसे अण्डा, स्ट्रॉबेरी, नट्स या तीखा भोजन।
- सीलिएक रोग नामक आंत्र विकार, इसमें व्यक्ति को ग्लूटेन के प्रति संवेदनशीलता होती है, ग्लूटेन अनाज में पाया जाने वाला एक प्रोटीन है।
- रोग प्रतिरोधक क्षमता का कमजोर होना।
- एच.आई.वी. होना, जिससे रोग से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है।
मुँह के छालों से बचने के उपाय
- मिर्च एवं अधिक मसाले युक्त खाने से परहेज करें।
- बहुत ज्यादा च्युइंगम चबाने की आादत के कारण भी माउथ अल्सर होते हैं। अत: इससे बचे।
- विटामिन-सी से युक्त फलों एवं सब्जियों का सेवन करें।
- दूध से बने खाद्य पदार्थ जैसे दही, मक्खन, पनीर और दूध का अधिक सेवन करें ताकि शरीर में विटामिन-बी की कमी न हो जो कि माउथ अल्सर होने का एक कारण है।
- भोजन के साथ सलाद के रूप में कच्चे प्याज का इस्तेमाल करें।
- पोषक तत्वों से युक्त आहार करें क्योंकि विटामिन-बी6, फोलिक एसिड, जिंक, आयरन की कमी की वजह से भी छाले होते हैं।
- प्रतिदिन 7-8 गिलास पानी पिएँ।
- कब्ज की समस्या से बचाव करें इसलिए भोजन में रेशेदार सब्जियों एवं फलों का सेवन करें।
- ग्रीन-टी का सेवन करें।
- मुँह की सफाई का विशेष ध्यान रखें।
- दाँतों की सफाई नरम बालों वाले टूथब्रश से करें।
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Kajal Dubey
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