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- पर्याप्त नींद नहीं...
व्यस्त आधुनिक जीवन में आजकल किसी के पास समय नहीं है। ऐसे में लाग पर्याप्त नींद तक नहीं ले पाते। इससे उन्हें कई बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है। कम से कम 7 घंटे की नींद न लेने से दिमाग को आराम नहीं मिलता है और हम दिनभर थकान का अनुभव करते हैं। इससे याद रखने की क्षमता भी कम होती है। ऐसे में समय के साथ-साथ दिमाग की काम करने की क्षमता कम हो जाती है। इसका भी दिमाग पर बुरा असर पड़ सकता है। इसके अलावा भी कई अन्य कारणों से दिमाग प्रभावित होता है। ज्यादातर अकेले रहने से दिमाग पर बुरा असर पड़ता है। इससे आगे चलकर अल्जाइमर बीमारी का खतरा भी बढ़ जाता है।
जंक फूड में सोडियम की मात्रा काफी ज्यादा होती है जो दिमाग के न्यूरॉन रिसेप्टर्स को नुकसान पहुंचाता है। ज्यादा मात्रा में जंक फूड खाने पर कंफ्यूजन सिरदर्द और वॉमटिंग जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
लगातार कई घंटों तक हेडफोन या इयरफोन लगाकर तेज आवाज में गाने सुनने से ब्रेन टिश्यूज पर बुरा असर पड़ता है। इससे अल्जाइमर की समस्या भी हो सकती है। हर दिन कोई भी फिजिकल ऐक्टिविटी न करने से डायबीटीज हार्ट डिजीज और हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है। इनका दिमाग पर बुरा असर होता है। स्मोकिंग के दौरान हमारे शरीर में कई हार्मफुल केमिकल्स आ जाते हैं। ये खून को गाढ़ा कर देते हैं जिससे दिमाग तक खून की सप्लाई कम हो जाती है। भूख से अधिक खाने का संबंध भी दिमाग से ही है। ज्यादा खाने से दिमाग के सोचने की क्षमता पर भी असर पड़ता है। वहीं प्राकृतिक रौशनी में न रहने और ज्यादातर समय अंधेरे में रहने के कारण अवसाद बढ़ जाता है। इसका भी दिमाग पर बुरा असर पड़ता है।