उत्तर कोरिया लगातार बैलिस्टिक मिसाइलों का परीक्षण करता जा रहा है. उसके इस परीक्षण ने दक्षिण कोरिया और जापान जैसे देशों की टेंशन बढ़ा दी है. वहीं लगातार मिसाइल टेस्ट के बाद दक्षिण कोरिया में अमेरिकी के नेतृत्व में जॉइंट सैन्य अभ्यास शुरू कर दिया गया है. इससे दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ा है. इस तनाव को कम करने के मकसद से शुक्रवार को यूएन में यह मुद्दा उठाया गया, लेकिन इस दौरान अमेरिका और उसके सहयोगी देशों की चीन और रूस के साथ भिड़ंत हो गई और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद दो खेमों में बंट गई. इससे उत्तर कोरिया पर कोई भी कार्रवाई नहीं हो पाई.
1 महीने में लॉन्च किए 13 मिसाइल
बहस के दौरान यूएन सिक्योरिटी कौंसिल में अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने कहा कि उत्तर कोरिया ने इस साल 59 बैलिस्टिक मिसाइल लॉन्च किए हैं. 13 मिसाइल पिछले 1 महीने में लॉन्च हो चुके हैं. उन्होंने कहा कि उत्तर कोरिया के इस कदम से आसपास तनाव और भय का माहौल बन रहा है. सुरक्षा परिषद के 15 सदस्यों में से 13 ने उत्तर कोरिया के कार्यों की निंदा की है. लेकिन उत्तर कोरिया को रूस और चीन संरक्षण दे रहे हैं. चीन और रूस के संरक्षण की वजह से ही उत्तर कोरिया परिषद को भी नजरअंदाज कर रहा है.
रूस और चीन ने अमेरिका को बताया जिम्मेदार
अमेरिका के बाद चीन के संयुक्त राष्ट्र के राजदूत झांग जून ने कहा कि उत्तर कोरिया ने 5 साल तक कोई मिसाइल लॉन्च नहीं किया था. उसने यूएस-दक्षिण कोरियाई सैन्य अभ्यास को देखते हुए ही यह मिसाइल परीक्षण शुरू किए हैं. इसके अलावा अमेरिका उत्तरी कोरिया की तरफ से परमाणु बम पर काम करने की वजह से लगातार उसे घेरने की तैयारी कर रहा है. इसके बाद रूस की संयुक्त राष्ट्र में उप राजदूत अन्ना एविस्तिग्नेवा ने भी यही बातें दोहराईं. उन्होंने कहा कि अमेरिका उत्तरी कोरिया पर अपनी इच्छा से प्रतिबंधों, दबाव और बल का उपयोग करना चाह रहा है. अभी जो तनाव का माहौल है उसके लिए काफी हद तक अमेरिका ही जिम्मेदार है.