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सावन के महीने में नहीं खाया जाता नॉनवेज, जानें इसके साइंटिफिक कारण

Neha Dani
1 July 2022 3:10 AM GMT
सावन के महीने में नहीं खाया जाता नॉनवेज, जानें इसके साइंटिफिक कारण
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जिससे मछलियां को प्रदूषित होना लाजमी है. अगर आप इन मछलियों को खाएंगे तो इससे आप बीमार पड़ सकते हैं.

जब भीषण गर्मी, चिलचिलाती धूप और उमस के बाद बारिश की बूंदें धरती पर गिरती हैं, तो ये हर किसी को सुकून का अहसास दिलाती है, लेकिन बरसात के आते ही कई बीमारियों और संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है, ऐसे में बचाव बेहद जरूरी है, इसके लिए एक तरीका ये भी है कि आप अपनी डेली डाइट में बदलाव करते हुए कुछ चीजों से परहेज करें.


बारिश के मौसम में नॉन वेज खाना क्यों है खतरनाक?
धार्मिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा के कारण मांसाहार का सेवन बंद कर दिया जाता है, लेकिन साइंटिफिक नजरिए से भी इस दौरान नॉन वेज फूड से दूरी बना लेनी चाहिए. मशहूर न्यूट्रिशन एक्सपर्ट 'निखिल वत्स' (Nikhil Vats) ने इसकी असल वजह बताई है.

1. फंगस का खतरा

मानसून में तेज बारिश होने के कारण हवा में नमी बढ़ जाती है जिसके बाद फंगल इंफेक्शन, फफूंदी और फंगस का खतरा बढ़ने लगता है और खाने पीने की चीजें नॉर्मल के मुकाबले जल्दी सड़ने लगती हैं, क्योंकि बरसात में डायरेट सनलाइट और रोशन की कमी रहती है.

2. कमजोर डाइजेशन
बरसात के दौरान वातावरण में आद्रता बढ़ जाती है जिससे हमारी पाचन अग्नि का असर कम हो जाता है. चूंकि नॉन वेज फूड्स को पचाने में ज्यादा वक्त लगता है और अगर डाइजेश कमजोर हुआ तो मांसाहार भोजन आंतों में सड़ने लगता है और फूड प्वाइजनिंग का भी खतरा पैदा हो जाता है.

3. मवेशी भी होते हैं बीमार

मानसून के दौरान कीड़े- मकोड़ों की तादात काफी बढ़ जाती है और इससे चिकनगुनिया और डेंगू के मच्छर बढ़ने लगते हैं जिससे जानवर भी बीमार पड़ जाते हैं, इसलिए इन मवेशियों के मांस का सेवन शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है.

4. मछली भी होती है प्रदूषित


मछली खाना हमारी सेहत के लिए अच्छा है, लेकिन मॉनसून में इससे परहेज करें. दरअसल तेज बारिश के कारण सारी गंदगी बहकर तालाब में चली जाती है जिससे मछलियां को प्रदूषित होना लाजमी है. अगर आप इन मछलियों को खाएंगे तो इससे आप बीमार पड़ सकते हैं.

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