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नई स्टडी का दावा- Covid-19 से पुरुषों की स्पर्म क्वालिटी हो सकती है डैमेज, प्रजनन क्षमता पर पड़ सकता है असर

Gulabi
29 Jan 2021 4:08 PM GMT
नई स्टडी का दावा- Covid-19 से पुरुषों की स्पर्म क्वालिटी हो सकती है डैमेज, प्रजनन क्षमता पर पड़ सकता है असर
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कोविड-19 मरीजों पर की गई एक नई स्टडी में सामने आया है कि

कोविड-19 मरीजों पर की गई एक नई स्टडी में सामने आया है कि कोविड-19 पुरुषों में स्पर्म क्वालिटी को डैमेज और प्रजनन क्षमता को कम कर सकता है. दुनिया भर में लगभग 22 लोगों की जान लेने वाली यह वायरल डिजीज स्पर्म सेल डेथ, सूजन और तथाकथित ऑक्सीडेटिव तनाव का कारण बन सकती है. जर्नल रिप्रोडक्शन में प्रकाशित रिपोर्ट शोधकर्ताओं ने इसका दावा किया है.



स्टडी में दावा किया गया है कि पहली बार डायरेक्ट एक्सपेरिमेंटल एविडेंस बताते हैं कि मेल रिप्रोडेक्टिव सिस्टम कोविड -19 से डैमेज हो सकता है. हालांकि, रिसर्च पर कमेंट करने वाले दूसरे विशेषज्ञों ने कहा कि पुरुषों में प्रजनन क्षमता से कॉम्प्रोमाइज करने की वायरस की क्षमता अप्रमाणित है.


अब तक की स्टडी में प्रजनन क्षमता पर प्रभाव नहीं था क्लियर
कोविड रोग फेफड़ों, गुर्दे, आंतों और हृदय पर अटैक करता है. पहले की स्टडीज में बताया गया था कि यह पुरुष प्रजनन अंगों को भी संक्रमित कर सकता है, शुक्राणु कोशिका के विकास को बाधित कर सकता है और प्रजनन हार्मोन को बाधित कर सकता है. फेफड़े के ऊतकों तक पहुंचने के लिए वायरस के इस्तेमाल किए जाने वाले समान रिसेप्टर्स अंडकोष में भी पाए जाते हैं. लेकिन पुरुषों में प्रजनन करने की क्षमता पर वायरस का प्रभाव क्लियर नहीं रहा.


कोरोना संक्रमित 84 लोगों पर की गई स्टडी
जर्मनी के जस्टस लिबिग विश्वविद्यालय के बेहज़ाद मालेकी और बख्तियार टार्टिबियन ने जैविक मार्करों की खोज की जो प्रजनन क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव का संकेत दे सकते हैं.कोविड-19 संक्रमित 84 पुरुषों में 60 दिन तक 10 दिन के अंतराल पर किए गए विश्लेषण की तुलना 105 स्वस्थ पुरुषों के डेटा से की गई थी. कोविड -19 रोगियों में स्पर्म सेल्स ने सूजन और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस के मार्करों में एक महत्वपूर्ण वृद्धि दिखी, एक केमिकल इमबैलेंस जो शरीर में डीएनए और प्रोटीन को नुकसान पहुंचा सकता है.


हाई रिस्क ऑर्गन घोषित करने की मांग
मालेकी ने एक बयान में कहा, "शुक्राणु कोशिकाओं पर ये प्रभाव कम शुक्राणु की गुणवत्ता और कम प्रजनन क्षमता से जुड़े हैं" "हालांकि ये प्रभाव समय के साथ बेहतर होते गए. कोविड -19 रोगियों में महत्वपूर्ण और असामान्य रूप से अधिक बने रहे." मालेकी ने कहा, "पुरुष प्रजनन प्रणाली को कोविड -19 संक्रमण का एक संवेदनशील रूट माना जाना चाहिए और विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से हाई रिस्क वाला ऑर्गन घोषित किया जाना चाहिए."


दूसरे विशेषज्ञों ने बताई अधिक रिसर्च की जरूरत
वहीं, दूसरी तऱफ इस अध्ययन में शामिल नहीं रहे विशेषज्ञों ने रिसर्च का स्वागत किया, लेकिन कहा कि जल्द निष्कर्ष निकालने से पहले अधिक रिसर्च की आवश्यकता थी. ब्रिटेन में केयर फर्टिलिटी ग्रुप के एंब्रोलॉजी के निदेशक, एलिसन कैंपबेल ने कहा, "पुरुषों को अनुचित रूप से चिंतित नहीं होना चाहिए." उन्होंने लंदन स्थित साइंस मीडिया सेंटर को बताया, "कोविड -19 की वजह से शुक्राणु या पुरुष प्रजनन क्षमता को लंबे समय तक डैमेज होने के कोई डेफिनेटिव एविडेंस नहीं है"


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