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लाइफस्टाइल : एक अच्छा जीवन जीने के लिए अपने विचारों को पॉजिटिव रखना बेहद जरूरी है। आपने अकसर देखा होगा कि बड़े-बुजुर्ग और कई मोटिवेशनल स्पीकर हमें निगेटिव विचारों (Negative Thoughts) से दूर रहने और पॉजिटिव विचारों को फॉलो करने की सलाह देते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि इन विचारों से हमारी मानसिक सेहत खराब होती है, जो हमारी मेंटल हेल्थ (Mental Health) के लिए हानिकारक होता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि निगेटिव विचार सिर्फ आपके मानसिक ही नहीं, बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करते हैं।
जर्नल ऑफ मेडिसिन एंड लाइफ में प्रकाशित शोध के मुताबिक लंबे समय तक नकारात्मक विचारों से घिरे रहने की वजह से सेहत पर भी असर पड़ने लगता है। इसकी वजह से थायरॉयड और हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्याओं का शिकार हो सकते हैं। आइए जानते हैं निगेटिव विचारों की वजह से होने वाली 5 स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में-
थायरॉयड की समस्या
नकारात्मक सोच थायरॉयड ग्लैंड के कार्य को प्रभावित कर सकती है, जो मेटाबॉलिज्म, एनर्जी लेवल और मूड को नियंत्रित करती है। जर्नल ऑफ क्लिनिकल एंडोक्रिनोलॉजी एंड मेटाबॉलिज्म में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, लंबे समय तक तनाव और नकारात्मक भावनाएं शरीर में थायराइड हार्मोन के संतुलन में गड़बड़ी कर सकती है, जिससे हाइपोथायरायडिज्म या हाइपरथायरायडिज्म जैसी समस्याएं हो सकती है।
तेज की दिल की धड़कन
अगर आप लगातार निगेटिव विचारों से घिरे रहते हैं, तो इससे तनाव हो सकता है, जिससे दिल की धड़कन बढ़ सकती है। अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी के जर्नल में प्रकाशित एक शोध में सामने आया है कि क्रॉनिक स्ट्रेस और नकारात्मक भावनाएं रेपिड हार्ट रेट (टैचीकार्डिया) सहित दिल से जुड़ी समस्याओं के विकास में योगदान कर सकती हैं, जिससे समय के साथ हार्ट डिजीज और दिल के दौरे जैसी गंभीर स्थितियों का खतरा बढ़ सकता है।
पाचन संबंधी समस्याएं
आपके पेट का स्वास्थ्य आपकी भावनाओं से जुड़ा हुआ है, इसलिए नकारात्मक सोच आपके पाचन तंत्र के लिए खतरनाक हो सकती है। कुछ अध्ययनों से पता चला है कि तनाव और नकारात्मक भावनाएं आंत में बैक्टीरिया के संतुलन को बिगाड़ सकती हैं, जिससे इरिटेबल बॉवल सिंड्रोम (आईबीएस), एसिड रिफ्लक्स और पेट के अल्सर जैसे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं हो सकती हैं।
हाई ब्लड प्रेशर
अगर आप लगातार नकारात्मक सोच रखते हैं, तो इससे आपका ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है, जिससे हाई ब्लड प्रेशर और दिल से जुड़ी समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है। जर्नल ऑफ हाइपरटेंशन में छपे एक शोध के मुताबिक जो व्यक्ति लगातार नकारात्मक भावनाओं का अनुभव करते हैं, उनमें समय के साथ हाई ब्लड प्रेशर विकसित होने की संभावना अधिक होती है।
पीठ दर्द
तनाव, चिंता और अवसाद जैसी नकारात्मक भावनाएं पीठ के निचले हिस्से में दर्द की वजह बन सकती हैं। यूरोपियन जर्नल ऑफ पेन के एक अध्ययन के अनुसार, पुरानी नकारात्मक भावनाओं वाले व्यक्तियों को लगातार पीठ के निचले हिस्से में दर्द का अनुभव होने की ज्यादा संभावना होती है।
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Apurva Srivastav
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