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लाइफ स्टाइल
NCRP की रिपोर्ट, बचपन में होने वाली बीमारियों में कैंसर से हो रही है सबसे ज्यादा मौतें
Shiddhant Shriwas
27 Sep 2021 4:49 AM GMT
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बचपन में होने वाली बीमारियों में कैंसर मौत के सबसे बड़े कारण के रूप में उभरा है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बचपन में होने वाली बीमारियों में कैंसर मौत के सबसे बड़े कारण के रूप में उभरा है। हर साल, नवजात से लेकर 14 साल तक के बच्चे बड़ी संख्या में कैंसर के शिकार हो रहे हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2012 से 2019 के बीच बचपन (0-14 वर्ष) में होने वाले कैंसर के मामलों की संख्या सभी कैंसर के मामलों की संख्या का 7.9 प्रतिशत थी।
राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री कार्यक्रम (एनसीआरपी) के तहत 2012 से 2019 के बीच सामने आए और विश्लेषण किए गए कैंसर के 6.10 लाख मामलों में से 52.4 प्रतिशत पुरुष और 47.6 प्रतिशत महिलाएं शामिल हैं। क्लीनिकोपैथोलॉजिकल प्रोफाइल ऑफ कैंसर्स इन इंडिया: ए रिपोर्ट ऑफ हॉस्पिटल बेस्ड कैंसर रजिस्ट्रीज, 2021 के अनुसार बचपन (0-14 वर्ष) में होने वाले कैंसर के मामलों की संख्या सभी कैंसर की 7.9 प्रतिशत थी।
पुरुषों में 31.2 प्रतिशत सिर और गर्दन के कैंसर
रिपोर्ट भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर)- राष्ट्रीय रोग सूचना विज्ञान और अनुसंधान केंद्र, बेंगलुरु द्वारा तैयार की गई। रिपोर्ट एनसीआरपी के तहत 96 अस्पताल आधारित कैंसर रजिस्ट्रियों एचबीसीआर से कैंसर के मामलों के सात साल के आंकड़ों पर आधारित है। रिपोर्ट के अनुसार, पुरुषों में होने वाले कैंसर में से लगभग एक तिहाई (31.2 प्रतिशत) कैंसर सिर और गर्दन के हैं। महिलाओं में होने वाले सभी कैंसर में से आधे से अधिक स्तन कैंसर (51 प्रतिशत) सहित स्त्री रोग संबंधी कैंसर हैं।
तंबाकू से जुड़े कैंसर के मामलों में पुरुष ज्यादा
तंबाकू के उपयोग से जुड़े कैंसर के मामलों में से पुरुषों में 48.7 प्रतिशत और महिलाओं में 16.5 प्रतिशत शामिल हैं। 2012-19 के दौरान एनसीआरपी के तहत 96 अस्पतालों से कैंसर के कुल 13,32,207 मामले दर्ज किए गए। इनमें से 6,10,084 मामलों को डेटा की पूर्णता और गुणवत्ता के आधार पर विश्लेषण के लिए शामिल किया गया था।
कैंसर की निगरानी अनिवार्य
कैंसर की रोकथाम और नियंत्रण के प्रयासों में कैंसर की निगरानी एक अनिवार्य हिस्सा है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने जनसंख्या और अस्पताल आधारित कैंसर रजिस्ट्रियों (पीबीसीआर और एचबीसीआर) के नेटवर्क के माध्यम से 1981 में राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री कार्यक्रम (एनसीआरपी) शुरू किया था।
Shiddhant Shriwas
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