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स्ट्रेच मार्क्स से छुटकारा पाने के प्राकृतिक घरेलू नुस्ख़े

Kajal Dubey
27 April 2023 2:49 PM GMT
स्ट्रेच मार्क्स से छुटकारा पाने के प्राकृतिक घरेलू नुस्ख़े
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स्ट्रेच मार्क्स के कारण
स्ट्रेच मार्क्स के प्रकार
स्ट्रेच मार्क्स से छुटकारा पाने के घरेलू नुस्ख़े
स्ट्रेच मार्क्स से छुटकारा पाने की डायट
स्ट्रेच मार्क्स सवाल-जवाब
महिलाओं और पुरुषों दोनों को परेशान करनेवाले स्ट्रेच मार्क्स बेहद ज़िद्दी होते हैं. वे होते तो हमारे शरीर पर, सीधे हमारे आत्मविश्वास पर हमला करते हैं. उनके आने का चाहे जो भी कारण हो, जैसे-प्रेग्नेंसी या अचानक वज़न बढ़ना, पर इसके निशान कमर, जांघों, पीठ के निचले हिस्से, पेट के निचले हिस्से, नितंबों, बांहों और महिलाओं के केसेस में ब्रेस्ट पर भी रह जाते हैं.
आमतौर पर स्ट्रेच मार्क्स त्वचा पर समानांतर रेखाओं के बैंड की तरह होते हैं. इन रेखाओं का रंग, टेक्स्चर हमारी त्वचा की ओरिजिनल रंगत से अलग होता है. स्ट्रेच मार्क्स का रंग पर्पल से लेकर ब्राइट पिंक और लाइट ग्रे तक हो सकता है. स्ट्रेच मार्क्स तब आते हैं, जब त्वचा के डर्मल लेयर में अचानक खिंचाव आता है. यही कारण है कि महिलाओं को प्रेग्नेंसी स्ट्रेच मार्क्स का सौगात दे जाती है. त्वचा के डर्मिस में मज़बूत और आपस में जुड़े हुए फ़ाइबर्स होते हैं, जो शरीर की वृद्धि के साथ खिंचाते हैं. जब अचानक वज़न बढ़ जाता है, तब त्वचा में कुछ ज़्यादा ही खिंचाव हो जाता है, जिससे ये फ़ाइबर्स टूट जाते हैं और परिणाम स्ट्रेच मार्क्स के रूप में सामने आता है. जब डर्मिस टूटता है, तब त्वचा के नीचे स्थित ब्लड वेसल्स शुरू-शुरू में इन स्ट्रेच मार्क्स को लाल या पर्पल रंग दे देते हैं. आगे चलकर जब ये ब्लड वेस्लस छोटे होते जाते हैं, तब आपकी त्वचा के नीचे स्थित पेल कलर का फ़ैट दिखना शुरू हो जाता है, जिसके कारण स्ट्रेच मार्क्स का कलर सिल्वरी ग्रे हो जाता है. हालांकि इन स्ट्रेच मार्क्स से छुटकारा पाना टेढ़ी खीर है, पर कुछ प्राकृतिक घरेलू नुस्खों को आज़माकर आप इन्हें हल्का दिखा सकते हैं.
स्ट्रेच मार्क्स के प्राकृतिक घरेलू नुस्ख़े
नई दिल्ली की कंसल्टेंट डर्मैटोलॉजिस्ट और डर्मैटोसर्जन डॉ पूजा चोपड़ा कहती हैं,‘‘स्ट्रेच मार्क्स लाल हुई त्वचा का बैंड है, जो आगे चलकर सफ़ेद, स्मूद और शाइनी हो जाती है. प्रेग्नेंसी के दौरान पेट पर और स्तनपान कराने के बाद ब्रेस्ट्स से स्ट्रेच मार्क्स देखे जा सकते हैं. इसके अलावा अचानक वेट या मसल मास गेन करनेवालों (बॉडी बिल्डर्स और वेट लिफ़्टर्स) में भी यह आम है. वे जांघों, नितंबों, घुटनों, कुंहनी के आसपास देखे जा सकते हैं. इसके लिए कुशिंग्स सिंड्रोम जैसे कुछ मेडिकल कंडिशन्स भी ज़िम्मेदार हैं.
Kajal Dubey

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