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राष्ट्रीय हथकरघा दिवस 'विश्व हथकरघा दिवस' के उद्देश्य से मनाया जाता है
देश : देश में हथकरघा उद्योग को सशक्त बनाने और हथकरघा को दुनिया भर में पहचान दिलाने के उद्देश्य से हर साल 7 अगस्त को भारत में राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के रूप में मनाया जाता है। हथकरघा हमारे भारत की सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है या यूं कहें कि एक पहचान है। कपड़ों से लेकर घर की साज-सज्जा तक में अब हथकरघा को विशेष रूप से शामिल किया जा रहा है, जिससे इस उद्योग में रोजगार बढ़ा है और कारीगरों की स्थिति में भी सुधार हो रहा है। हथकरघा उद्योग बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार प्रदान करने के साथ-साथ महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने का अवसर भी देता है। हमारे देश में ऐसे कई राज्य हैं, जो विशेष रूप से अपने हथकरघा के लिए जाने जाते हैं, जैसे आंध्र प्रदेश की कलमकारी, गुजरात की बंधनी, तमिलनाडु की कांजीवरम और महाराष्ट्र की पैठानी, मध्य प्रदेश की चंदेरी, बिहार की भागलपुरी रेशम कुछ ऐसे हथकरघा हैं . जो न सिर्फ भारत में बल्कि पूरी दुनिया में मशहूर हैं। वर्ष 1905 में लॉर्ड कर्जन ने बंगाल के विभाजन की घोषणा की। इस दिन कोलकाता के टाउन हॉल में एक विशाल सार्वजनिक बैठक के साथ स्वदेशी आंदोलन की शुरुआत की गई थी। इस घटना की याद में हर साल 7 अगस्त को राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मनाया जाता है। इस दिन की शुरुआत प्रधानमंत्री ने 7 अगस्त 2015 को की थी। तब से यह दिन हर साल मनाया जाता है। 9वां हथकरघा-दिवस 7 अगस्त 2023 को मनाया जाएगा।से लेकर घर की साज-सज्जा तक में अब हथकरघा को विशेष रूप से शामिल किया जा रहा है, जिससे इस उद्योग में रोजगार बढ़ा है और कारीगरों की स्थिति में भी सुधार हो रहा है। हथकरघा उद्योग बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार प्रदान करने के साथ-साथ महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने का अवसर भी देता है। हमारे देश में ऐसे कई राज्य हैं, जो विशेष रूप से अपने हथकरघा के लिए जाने जाते हैं, जैसे आंध्र प्रदेश की कलमकारी, गुजरात की बंधनी, तमिलनाडु की कांजीवरम और महाराष्ट्र की पैठानी, मध्य प्रदेश की चंदेरी, बिहार की भागलपुरी रेशम कुछ ऐसे हथकरघा हैं . जो न सिर्फ भारत में बल्कि पूरी दुनिया में मशहूर हैं। वर्ष 1905 में लॉर्ड कर्जन ने बंगाल के विभाजन की घोषणा की। इस दिन कोलकाता के टाउन हॉल में एक विशाल सार्वजनिक बैठक के साथ स्वदेशी आंदोलन की शुरुआत की गई थी। इस घटना की याद में हर साल 7 अगस्त को राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मनाया जाता है। इस दिन की शुरुआत प्रधानमंत्री ने 7 अगस्त 2015 को की थी। तब से यह दिन हर साल मनाया जाता है। 9वां हथकरघा-दिवस 7 अगस्त 2023 को मनाया जाएगा।