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पंचांग के फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि के दिन नरसिंह द्वादशी का पर्व मनाया जाता है। इसे गोविंद द्वादशी के नाम से भी जाना जाता है। पुराणों के अनुसार, नरसिंह द्वादशी के दिन भगवान विष्णु से नरसिंह अवतार यानी आधा शेर और आधा मानव के रूप में अवतार लेकर अपने भक्त प्रहलाद की रक्षा की थी और राजा हिरण्यकश्यप का वध किया था। जानिए नरसिंह द्वादशी की तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व।
नरसिंह द्वादशी 2023 तिथि और शुभ मुहूर्त
फाल्गुन मास की द्वादशी तिथि आरंभ- 3 मार्च को सुबह 9 बजकर 11 मिनट से शुरू
फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि समाप्त- 4 मार्च को सुबह 11 बजकर 43 मिनट तक
सर्वार्थसिद्धि योग - 3 मार्च को सुबह 6 बजकर 34 मिनट से दोपहर 3 बजकर 43 मिनट तक
सौभाग्य योग- सूर्योदय से लेकर शाम 6 बजकर 44 मिनट तक
नरसिंह द्वादशी 2023 पूजा विधि
इस दिन सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान आदि कर लें। इसके बाद भगवान नरसिंह का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें। इसके बाद भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करें। विष्णु जी को पीले रंग के फूल, माला, पीला चंदन, अक्षत, तिल, पीले रंग का भोग आदि लगा दें। इसके बाद घी का दीपक और धूप जलाकर विधिवत पूजा कर लें। इसके साथ ही मंत्र, चालीसा ,स्तोत्र का पाठ कर लें। अंत में भूलचूक के लिए माफी मांग लें।
करें इन मंत्रों का जाप
'ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय नमः'
'श्रीकृष्णाय नमः, सर्वात्मने नमः'
'ऊँ नमो नारायणाय नमः'
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Apurva Srivastav
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