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लाइफस्टाइल: राजस्थान का खान-पान और यहां की लोक संस्कृति की पहचान देश में ही नहीं विदेश में भी है. अपने चटपटे और लजीज स्वाद से यहां का खान-पान किसे को भी अपना दीवाना बना देता है. जी हां, चूरू में बनने वाली यह मिठाई थोड़ी खास है जिसके स्वाद के विदेशी भी दीवाने हैं. बाबा मिष्ठान भंडार के सुशील बताते है कि यहां बनने वाली दर्जनों मिठाई की वैरायटी में चूरू का रसीला पेठाअन्य मिठाइयों से खास है और इसे खास बनाता है इसका स्वाद जिसे देखने वाले के मुंह में पानी आ जाए और आप भी इसे बिना चखे नहीं रह सकते हैं.
उन्होंने बताया कि इस मिठाई की सबसे खास बात है कि ये कई दिनों तक खराब नहीं होती है और अपने लाजवाब स्वाद के चलते किसी को भी अपना दीवाना बना देती है. आमतौर पर पेठे तो प्रदेश के हर हिस्से में बनते और बिकते मिलेंगे, लेकिन रसीला पेठा अपने आप मे खास है जो एक किलो में 9 से 10 पीस ही आते हैं. जिसके सिंगल पीस का वजन 100 ग्राम है. शर्मा बताते है कि विदेश जाने वाले लोगों की ये पेठा पहली पसंद है तो खाने के बाद मीठा खाने के शौकीन भी इसे बड़े चाव से खरीदते हैं.
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रसीला पेठा बनाने की रेसिपी
सुशील बताते है कि इस रसीले पेठे को बनाने के लिए विशेष कारीगर की आवश्यकता होती है. जिसे बनाने के लिए पहले मैदे में घी का मोरन दिया जाता है फिर आटे की तरह इसे गूंथा जाता है और फिर पाटे पर बेलकर कटिंग की जाती है. कटिंग करके मंदी आंच पर इसकी सिकाई की जाती है. फिर ठंडा करके चीनी की चासनी बनाकर इसे चासनी में मिलाया जाता है. शर्मा बताते है कि देशी घी के पेठे जहां 300 रुपए प्रति किलो के दाम है तो वनस्पति घी के 150 रुपए प्रति किलो के दाम है.
Manish Sahu
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