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मां का दूध एग्जाम में सफल होने की गारंटी कितने साल तक बच्चे को दूध पिलाना चाहिए जाने

Tara Tandi
8 Jun 2023 8:18 AM GMT
मां का दूध एग्जाम में सफल होने की गारंटी कितने साल तक बच्चे को दूध पिलाना चाहिए जाने
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किसी भी पौष्टिक आहार का मां के दूध से कोई मुकाबला नहीं. यही वजह है कि नवजात को पूरे एक साल तक सिर्फ मां का दूध पिलाने की सलाह दी जाती है. ये दूध शरीर के लिए तो पौष्टिक होता ही है. क्या आप जानते हैं कि मां का दूध पीने वाले बच्चों का दीमाग पढ़ाई में भी दूसरे बच्चों से ज्यादा तेज होता है. एक स्टडी में हुए खुलासे से मां के दूध और एग्जाम में मार्क्स का कनेक्शन साफ हो गया है. जिन बच्चों ने लगातार एक साल तक अपनी मां के दूध का सेवन किया उनके मार्क्स दूसरे बच्चों के मुकाबले ज्यादा रहे.
ऐसे हुई स्टडी
जर्नल आर्काइव्स ऑफ डिजिज इन चाइल्डहुड में पब्लिश इस स्टडी के लिए साल 2000 से 2002 बीच जन्मे 4940 बच्चों को चुना गया. इन सभी बच्चों के पढ़ाई के रिजल्ट का आंकलन किया गया. इस आंकलन में केवल एक ही पॉइंट शामिल किया गया कि सभी टीनएजर्स को पर्याप्त ब्रेस्ट मिल्क पीने को मिला है या नहीं. उनकी आर्थिक स्थिति जैसे बिंदुओं को इस रिसर्च में शामिल नहीं किया गया. हालांकि मांओ का इंटेलिजेंस टेस्ट जरूर लिया गया. जिसके लिए उनसे 20 शब्दों का वॉक्यूबलरी टेस्ट लिया गया.
स्टडी के नतीजे
स्डटी में सामने आए नतीजे चौंकाने वाले थे. ऑक्सफॉर्ड के रिसर्चर्स ने बच्चों के GCSE के ग्रेस का अध्ययन किया. जिन बच्चों ने पूरे एक साल तक मां का दूध पिया था उनके रिजल्ट मां का दूध नहीं पी पाने वाले बच्चों से कहीं ज्यादा बेहतर थे. इंग्लिश GCSE में उनके फेल होने की संभावना दूसरों के मुकाबले 25 प्रतिशत तक कम थी. इसी तरह जिन बच्चों ने चार माह तक दूध पिया था वो भी मां के दूध से वंचित रहे बच्चों से आगे थे. स्टडी की लीड ऑर्थर और यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड की Dr Reneé Pereyra-Elías के मुताबिक परीक्षा के बेहतर नतीजे ये जाहिर करते हैं कि जो मांएं बच्चों को दूध पिला सकती हैं उन्हें जरूर ब्रेस्ट फीड कराना चाहिए. लेकिन जो कुछ कारणों से इसमें पीछे हैं उन्हें मायूस नहीं होना चाहिए क्योंकि रिजल्ट को बेहतर बनाने के और भी बहुत से तरीके हैं.
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