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इन घरेलू उत्पादों वाले चीज़ो में पाए गए दर्ज़न भर से अधिक हानिकारक रसायन, इससे हो सकते है जानलेवा बीमारियां
लाइफस्टाइल: क्या हम दैनिक उपयोग के लिए जिन चीजों का इस्तेमाल कर रहे हैं वह हमारी सेहत के लिए सही हैं? यह सवाल इसलिए खड़ा हो रहा है क्योंकि अध्ययनों में शोधकर्ताओं ने लोगों को आगाह किया है कि रोजमर्रा के दर्जनों उत्पादों में ऐसे खतरनाक रसायन पाए गए हैं जो सेहत के लिए गंभीर समस्याकारक हो सकते हैं।
शैंपू से लेकर डिटर्जेंट, लोशन, परफ्यूम और डिशवॉशिंग साबुनों की जांच में ऐसे हानिकारक तत्वों की मौजूदगी का पता चला है जो शरीर को अंदर ही अंदर नुकसान पहुंचा सकते है, कुछ रसायन तो इतने खतरनाक हैं कि इनसे कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों के विकसित होने का खतरा भी हो सकता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, रसायनों के उपयोग से उत्पादों की लाइफ बढ़ जाती है, इस छोटे से लाभ के चक्कर में लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। हम सभी रोजाना इन चीजों का उपयोग करते हैं पर इस तरफ किसी का ध्यान नहीं जाता है। पर अध्ययन के निष्कर्षों में पाया गया है कि अगर समय रहते हमने सावधानी नहीं बरती और रसायनिक चीजों का इस्तेमाल जारी रहा तो यह भविष्य में समस्याओं को बढ़ाने वाला हो सकता है।
दैनिक उत्पादों में हो सकते हैं रसायन
जर्नल एनवायरमेंटल साइंस एंड टेक्नोलॉजी में प्रकाशित इस अध्ययन के मुताबिक घरों और कार्यस्थलों में आमतौर पर इस्तेमाल होने वाले 100 से अधिक उत्पादों में हानिकारक रसायन पाए गए हैं। ये रसायन काफी खतरनाक हो सकते हैं, इससे कैंसर से लेकर और प्रजनन और विकास संबंधी समस्याओं का जोखिम हो सकता है।
अध्ययन में क्या पता चला?
शोधकर्ताओं ने इस अध्ययन के लिए कैलिफोर्निया के दो डेटाबेसों को क्रॉस-चेक किया। पहले में वो उत्पाद थे जिनमें वोलाटाइल ऑर्गेनिक कंपाउंड्स (वीओसी) की मात्रा थी। ये ऐसे रसायन होते हैं जो गैस में बदलकर आसानी से हवा में चले जाते हैं। दूसरी सूची के उत्पादों में ऐसे रसायन थे जो कैंसर या प्रजनन-विकासात्मक समस्याओं का कारण बन सकते हैं।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
एनवाईयू लैंगोन हेल्थ के प्रोफेसर और प्रमुख शोधकर्ता कुरुन्थाचलम कन्नन कहते हैं, हमारे द्वारा दैनिक रूप से उपयोग किए जाने वाले लगभग हर उत्पाद में वाष्पशील कार्बनिक यौगिकों को पाया गया है। विशेषकर पर्सनल केयर प्रोडेक्ट्स और सौंदर्य प्रसाधनों में ऐसे रसायनों की अधिक पुष्टि की गई है। इस तरह के उत्पाद गंभीर समस्याकारक हो सकते हैं।
शोधकर्ताओं का कहना है कि कई रसायनों को मुख्यरूप से सुगंध के लिए के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है, ऐसे में फ्रेग्नेंस फ्री उत्पाद का इस्तेमाल बेहतर विकल्प हो सकता है।
डियोड्रेंट और सन केयर प्रोडक्टस में भी रसायनों की पुष्टि
इससे पहले के कई अध्ययनों में इस बात को लेकर चिंता जताई गई थी कि ज्यादातर डियोड्रेंट और परफ्यूम्स में कुछ हानिकारक रसायन हो सकते हैं जिससे त्वचा संबंधी समस्याओं का जोखिम रहता है। अध्ययनकर्ताओं ने पाया कि इनमें एल्युमीनियम और जिंक साल्ट होते हैं जो और पसीने की गंध को छिपाने के लिए खुशबू देते हैं। इनसे पसीने की नलिकाओं को बंद होने का खतरा रहता है।
इसी तरह से कई सन-केयर प्रोडक्ट्स में बेंजीन रसायन की पुष्टि की गई है, जिसके कई दुष्प्रभाव हो सकते हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि इससे बचाव के लिए उत्पादों को खरीदते समय उसके लेवल की जांच जरूर करें।