लाइफ स्टाइल

प्रेगनेंसी के दौरान अक्सर मूड स्विंग्स होते हैं, जानिए मन को शांत रखने के 7 आसान तरीके

Shiddhant Shriwas
15 July 2021 8:05 AM GMT
प्रेगनेंसी के दौरान अक्सर मूड स्विंग्स होते हैं, जानिए मन को शांत रखने के 7 आसान तरीके
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प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं में मूड स्विंग्स, गुस्सा, इरिटेशन और तनाव जैसी समस्याएं कॉमन हैं

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। गर्भावस्था के समय शरीर में कई तरह के हार्मोनल बदलाव होते हैं. जिसकी वजह से शारीरिक परेशानियों के साथ मानसिक परेशानियां भी होती है. तनाव, मूड स्विंग्स, गुस्सा, चिड़चिड़ाहट आदि समस्याएं प्रेगनेंसी के दौरान कॉमन हैं. हालांकि इस दौरान खुद को शांत रखने की कोशिश करनी चाहिए क्योंकि आपके हर एक्शन का असर आपके बच्चे पर भी पड़ता है. यहां जानिए ऐसे तरीके जिन्हें आजमाकर आपको काफी राहत मिल सकती है.

1. ना कहने की आदत डालें : कुछ महिलाओं को न कहना नहीं आता, इसकी वजह से वे तमाम काम बगैर इच्छा के भी करती रहती हैं और जब लोड बर्दाश्त नहीं होता तो गुस्सा और इरिटेशन होती है. इससे अच्छा है कि आप अपनी इच्छानुसार चलें. यदि आप प्रेगनेंसी के समय किसी काम को करने में सहज महसूस नहीं कर रही हैं तो उसे करने से मना कर दें. आदर्श सुपरवुमन बनने की जरूरत नहीं.
2. अपनी प्राथमिकताएं तय करें : न कहने का मतलब नकारेपन से नहीं है. आप अपने कर्तव्यों को अपनी तरह से निभाएं. दिनभर के काम की प्राथमिकता तय करें और उसे शरीर की सामर्थ्य के अनुसार करें. यदि थकान महसूस हो तो थोड़ा आराम करें और काम को बांट लें.
3. जिस दिन तबियत ठीक न लगे, उस दिन ज्यादा से ज्यादा आराम करें. इससे आपकी हफ्ते भर की एनर्जी लौट आएगी.
4. मन अगर परेशान हो तो दूसरों से बातें करें. अपने किसी खास को अपनी परेशानी के बारे में बताएं. इससे आपका मन भी हल्का होगा और आप अच्छा महसूस करेंगी.
5. अपने दिमाग को डायवर्ट करें. जब भी मूड खराब हो आप लंबी सांसें भरें और अपने किसी पसंदीदा काम में खुद को व्यस्त कर लें. आप सिंगिंग, राइटिंग, रीडिंग, स्केचिंग, पेंटिंग आदि कोई भी शौक इस समय में पूरा कर सकती हैं.
6. रोजाना कुछ देर मेडिटेशन करने की आदत जरूर डालें. मेडिटेशन करने से मानसिक रूप से मजबूती मिलती है. एंग्‍जाइटी, स्ट्रेस, इरिटेशन और गुस्सा वगैरह नियंत्रित होते हैं. दिमाग शांत होता है और सकारात्मकता आती है. लेकिन मेडिटेशन सुबह जल्दी उठकर और शाम को सूर्यास्त के दौरान करें.
7. अगर संभव हो तो कुछ पल पेड़ पौधों और हरियाली के बीच बिताएं. इससे शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन मिलती है, साथ ही मन शांत होता है. इसके अलावा शाम को कुछ देर टहलें जरूर, इससे आपका शरीर एक्टिव रहेगा, दिमाग की उथल पुथल कम होगी और बच्चे पर सकारात्मक असर पड़ेगा.
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