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दो लड़कियों की शादी, लेकिन किसी और के साथ हनीमून पर जाएंगे

Bhumika Sahu
18 July 2022 9:46 AM GMT
दो लड़कियों की शादी, लेकिन किसी और के साथ हनीमून पर जाएंगे
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दो लड़कियों की शादी

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आपने फिल्मों और किस्से-कहानियों में अक्सर यह देखा या पढ़ा होगा कि नायिका की शादी होने वाली है लेकिन उसकी कुंडली में अचानक कोई बड़ा दोष निकल आता है। ज्योतिषी महाराज कह देते हैं कि लड़की तो मांगलिक है इसलिए अगर इसका विवाह हुआ तो पति बेचारा फौरन इस दुनिया से निकल लेगा। इस एक भविष्यवाणी से लड़की और उसके परिवारवालों की पूरी दुनिया हिल जाती है। सोनभद्र की दो बेटियों के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ लेकिन फिर उन्होंने जो कदम उठाया वह सुर्खियों में आ गया।

दो लड़कियों ने की शादी तो बकरा-भात की सज़ा
दरअसल सोनभद्र में दो लड़कियों ने आपस में शादी कर ली, वो भी पूरे धूमधाम से। एक लड़की दूल्हा बनकर बारात लेकर पहुंची और दूसरी लड़की ने दुल्हन बनकर अपने मांग में सिंदूर भर ली। हैरान करने वाली यह शादी दोनों लड़कियों के परिवार वालों और समाज के लोगों की मौजूदगी में हुई। बारात में बैंड-बाजा भी बजा और जमकर भोज-भात भी खिलाया गया। लेकिन यही शादी इन दोनों परिवारों के लिए सज़ा की वजह बन गई। दरअसल दोनों लड़कियों का परिवार बैगा आदिवासी समाज का हिस्सा हैं। गांव वालों को पता चला तो पंचायत बुलाई गई और पंचों ने इस शादी को अपराध करार देते हुए दोनों परिवारों पर पूरे गांव को बकरा भात खिलाने की सजा सुना दी।
तांत्रिक ने डराया तो ऐसा कदम उठाया
पंच की सज़ा के बाद दोनों परिवारों की ओर से अजीबो-गरोब दलील दी गई। उनका कहना है कि एक तांत्रिक ने उनकी बेटियों की कुंडली में दोष बताया था और कहा था कि अगर उनकी शादी हुई तो पति की जान चली जाएगी। जब तांत्रिक से इसका उपाय पूछा गया तो उसने कहा कि दोनों लड़कियों की आपस में ही शादी करवा दें तो अशुभ टल जाएगा। इस बाद दोनों परिवारों ने यह अनोखा फैसला लिया और पूरे विधि-विधान के साथ अपनी बेटियों की आपस में ही शादी करवा दी। इस मामले पर हुई पंचायत में दोनों परिवारों ने कहा कि यह सिर्फ एक टोटका है लेकिन पंच नहीं माने और दो-दो बकरों का जुर्माना लगा दिया।
कब तक चलेगा ऐसा अंधविश्वास
आए दिन हम देखते-सुनते हैं कि किसी लड़की की कुत्ते से या किसी दूसरे जानवर से इसलिए शादी करवा दी गई क्योंकि उसकी कुंडली में दोष था। बड़ी संख्या में लोग ऐसी शादियों में शामिल भी होते हैं पर कोई विरोध नहीं करता और न ही कानून सख्ती से अपना काम करता है। 0.2 इसकी वजह से समाज में ऐसे अंधविश्वास को और हवा मिलती है। जरूरत है ऐसे मामलों में लोगों को ज्यादा से ज्यादा जागरूक करने की ताकि समाज में तंत्र-मंत्र और जादू-टोने जैसे अंधविश्वास की जड़ें और मजबूत न हो।


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