लाइफ स्टाइल

सावन के महीने में आप भी बनाएं ये पारंपरिक व्यंजन

SANTOSI TANDI
23 Jun 2023 11:01 AM GMT
सावन के महीने में आप भी बनाएं ये पारंपरिक व्यंजन
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बनाएं ये पारंपरिक व्यंजन
सावन मास हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण महीना होता है। इस दौरान कई सारे नियमों का पालन करना होता है। इस महीने में भगवान शिव की आराधना की जाती है। लोग सात्विक भोज करते हैं और प्याज-लहसुन, मांस, मदिरा का सेवन करना मना किया जाता है। सावन में साबूदाना, कुट्टू, सिंघाड़ा, राजगिरा आदि चीजों का सेवन होता है। इनके आटे से रोटी, पूड़ी, कढ़ी, पकौड़े तैयार होते हैं। अगर आप इन चीजों को खाकर बोर हो गए हैं, तो चलिए हम आपको ऐसे पारंपरिक चीजों के बारे में भी बताएं जो आप इन दिनों बना सकेंगे।
बनाना फ्राई
व्रत में कच्चे केले की कई चीजें बनाई जाती हैं। कुछ लोग इसकी सब्जी भी बनाते हैं। अगर आप स्नैक्स में कुछ बनाना चाहें, तो कच्चे के फ्राइज बना सकते हैं। इन्हें और भी स्वादिष्ट बनाने के लिए आप कुट्टू या सिंघाड़े के आटे में नमक और पानी डालकर एक पतला घोल बना लें। उसमें केले मैरिनेट करें और तेल में डीप फ्राई कर लें। चाय के लिए बनाना फ्राई तैयार है।
साबूदाना उत्तपम
पारंपरिक साउथ इंडियन डिश, जिसे बड़े चाव से खाया जाता है। यह हेल्दी और स्वादिष्ट दोनों होता है। व्रत में आप भी इसे तैयार कर सकते हैं, बस बैटर को साबूदाने के आटे से तैयार करें। अगर आपको साबूदाना नहीं पसंद है, तो इसे किसी अन्य आटे से तैयार किया जा सकता है। इसमें शकरकंद की फिलिंग ऊपर से डालें और मजा लें।
समक आटे की लापसी
लापसी भी एक पारंपरिक डेजर्ट है, जिसे राजस्थान, हरियाणा, गुजरात, मध्य प्रदेश और यूपी के कई हिस्सों में बनाया जाता है। बारिश के मौसम में गर्मागर्म लापसी का मजा ही अलग होगा। इसे आप समक के आटे से बनाएं और खूब सारे ड्राई फ्रूट्स डालकर इसका मजा लें। सूजी की जगह पैन में घी डालकर समक के आटे को कुछ देर भूनें और ड्राई फ्रूट्स, चीनी और दूध डालकर इसे 5-7 मिनट पका लें। आपकी स्वादिष्ट व्रत वाली लापसी तैयार है।
खमंग काकड़ी
सलाद या स्नैक के रूप में स्वीट पोटैटो खा-खाकर थक गए हैं, तो आप सावन में खास खमंग काकड़ी बना सकते हैं। यह एक महाराष्ट्रीयन और गुजराती सलाद है, जिसे नारियल, मूंगफली, नींबू और सेंधा नमक से बनाया जाता है। खीरे को बारीक काटा जाता है और उसमें नमक डालकर कुछ देर के लिए अलग रखा जाता है। मूंगफली को दरदरा कूटा जाता है। इसमें हरी मिर्च और चीनी भी मिलाई जाती है। यह भूख भी बढ़ाता है और हेल्दी भी होता है।
शकरकंद की भाजी
इसे मराठी में रताळ्याची भाजी भी कहते हैं। कुट्टू की पूड़ी के साथ अगर आपको कुछ नया बनाना हो, तो आप इस डिश को ट्राई कर सकते हैं। इसे स्नैक्स के रूप में भी खाया जा सकता है। इसकी भाजी बनाने के लिए शकरकंद को बारीक-बारीक काट लें। एक कड़ाही में घी डालकर गर्म करें और जीरा डालें। इसमें शकरकंद डालकर 2-5 मिनट तक चलाएं और फिर ऊपर से सेंधा नमक और दरदरा कूटी हुई मूंगफली डालकर मिलाएं। आपकी भाजी तैयार है, इसे हरा धनिया डालकर गार्निश करें।
पानीफोलर पालो
यह बंगाली डेजर्ट है, जिसे लोग शायद भूल चुके हैं। इसे सिंघाड़े के आटे से तैयार किया जाता है। श्रावण में भोग चढ़ाने के लिए भी यह एक अच्छा विकल्प हो सकता है। पैन में घी डालकर गर्म करें और इसमें सिंघाड़े का आटा डालकर 2-3 मिनट तक भून लें। इसके बाद इसमें दूध और चीनी डालकर मिलाएं। इसमें एक चुटकी इलायची पाउडर मिलाएं और जब हलवा तैयार हो जाए तो गैस बंद करें। इसे एक ग्रीस किए हुए पैन में ट्रांसफर करें और ऊपर से बारीक कटे हुए पिस्ता डालकर सेट करने दें। इसे टुकड़ों में काटकर सर्व करें।
इसी तरह ऐसी कई पारंपरिक डिशेज हैं, जो आप सावन के महीने में बना सकते हैं। हमें उम्मीद है यह लेख आपको पसंद आएगा। अगर लेख अच्छा लगा तो इसे लाइक और शेयर करें और ऐसे ही लेख पढ़ने के लिए विजिट करें हरजिंदगी।
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