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डर्मेटोलॉजिस्ट से जानिए, क्या है

Kajal Dubey
1 May 2023 3:24 PM GMT
डर्मेटोलॉजिस्ट से जानिए, क्या है
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क्या है स्कैबीज
स्कैबीज / खाज, स्किन में होने वाला एक इंफेक्शन होता है। इस इंफेक्शन का कारण सरकोप्ट्स स्कैबी (Sarcoptes Scabiei) नाम का माइट होता है। ये माइट बहुत ही सूक्ष्म और माइक्रोस्कोपिक होते हैं।
अगर इलाज न किया जाए तो, ये सूक्ष्म जीव स्किन पर महीनों तक बने रह सकते हैं। स्किन पर रहते हुए ये अंडे पर ही निषेचन करते हैं। स्किन पर रहते हुए ये स्किन में छेद करते हैं और उसी छेद में अंडे देते हैं। बाद में इसके कारण स्किन पर खुजली और लाल चकत्ते पड़ने की समस्या हो जाती है।
दुनिया में स्कैबीज / खाज के लगभग 130 मिलियन मामले हैं। एक स्टडी के अुनसार, भारत के शहरी और ग्रामीण क्षेत्र की 13% से 59% आबादी को स्कैबीज / खाज की बीमारी है।
स्कैबीज / खाज बेहद संक्रामक बीमारी है। ये स्किन के संपर्क में आने से एक इंसान से दूसरे इंसान तक बेहद आसानी से फैल सकती है। लेकिन ये सेक्स से फैलने वाली बीमारी नहीं है।
स्कैबीज / खाज के माइट का संक्रमण कपड़े और बिस्तर के इस्तेमाल से भी हो सकता है। इसके लिए करीबी या अंतरंग संपर्क बिल्कुल भी आवश्यक नहीं है।
स्कैबीज / खाज की समस्या बहुत तकलीफदेह हो सकती है। लेकिन मेडिकल साइंस के पास इसका कारगर उपचार मौजूद है। उपचार में अक्सर ऐसी दवाएं शामिल होती हैं जो स्कैबीज / खाज के माइट्स और उनके अंडों को मारती हैं।
चूंकि स्कैबीज / खाज बहुत संक्रामक होती है, इसलिए डॉक्टर इसके मरीज के संपर्क में आने वाले अन्य व्यक्तियों के उपचार की भी सलाह देते हैं।
स्कैबीज / खाज के लक्षण (Scabies Symptoms)
स्कैबीज / खाज की समस्या शुरू होने के बाद, इसके गंभीर लक्षण दिखने में छह हफ्ते तक का समय लग सकता है। लक्षण आमतौर पर उन लोगों में अधिक तेजी से विकसित होते हैं, जिन्हें पहले कभी खुजली की समस्या रही हो।
स्कैबीज / खाज के हॉलमार्क लक्षणों में लाल रंग के दाने निकलना और तेज खुजली होना शामिल है। ये समस्या रात में और बढ़ जाती है। संक्रमित हिस्से में लगातार खरोंचने या खुजली करने से घाव हो सकते हैं। ये घाव संक्रमण को और बढ़ा देते हैं।
यदि ऐसा होता है, तो स्किन के इंफेक्शन को रोकने के लिए एंटीबायोटिक दवाओं के साथ अतिरिक्त उपचार भी लिया जा सकता है। बच्चों या बड़ी उम्र के लोगों को सामान्यत: निम्नलिखित अंगों में स्कैबीज की समस्या होती है :
कलाई
कुहनी
​बगल या आर्मपिट
निप्पल
लिंग या पेनिस
कमर
नितंब
अंगुलियों के बीच का हिस्सा
आदि।
कई बार घर के बहुत छोटे या नवजात बच्चों / इम्यूनोकॉम्प्रोमाइज्ड को भी स्कैबीज की बीमारी हो जाती है। इन बच्चों के निम्नलिखित अंगों में भी इसके लक्षण नजर आ सकते हैं।
सिर
चेहरे
गर्दन
पैर के तलवे
आदि।
स्कैबीज के चकत्ते में छोटे कट के निशान, चकत्ते या हाइव्स, स्किन पर सूजन या फुंसी वाले दाने बनना आदि शामिल हैं। इसके अलावा, स्किन पर कई बार माइट के चलने के निशान भी देखे जा सकते हैं। ये बहुत ही छोटी, उभरी हुई और बदरंग लाइनों के जैसी होती है।
स्कैबीज / खाज होने के कारण? (How Do You Get Scabies?)
स्कैबीज या खाज की समस्या बहुत ही छोटे, आठ टांगों वाले माइट से होने वाले इंफेक्शन के कारण होती है। ये बग्स या कीड़े इतने छोटे होते हैं कि उन्हें स्किन पर आंखों से बमुश्किल देखा जा सकता है। लेकिन इसके बाद भी आप इसका प्रभाव देख सकते हैं।
ये माइट्स स्किन की ऊपरी परत पर रहते और भोजन प्राप्त करते हैं। फीमेल माइट्स स्किन पर अंडे देती हैं। स्किन इन अंडों और माइट्स के मल पर प्रतिक्रिया देती है। इसके फलस्वरूप स्किन पर लाल रंग के दाने और चकत्ते निकलना शुरू हो जाते हैं।
ये माइट्स आसानी से लोगों के बीच ट्रांसफर भी हो जाते हैं। प्रभावित स्किन के संपर्क में आने से ये लोगों के बीच फैल जाते हैं। स्कैबीज के माइट्स अन्य माध्यमों जैसे,
फर्नीचर
कपड़ों
बिस्तर
आदि के संपर्क में आने से भी फैल सकते हैं।
इसके अलावा ऐसी सभी जगहों जहां लोग एक-दूसरे के करीबी संपर्क में आते हैं। वहां ये इंफेक्शन आसानी से फैल सकता है। इन जगहों में नर्सिंग होम या पब्लिक ट्रांसपोर्ट भी शामिल है।
स्कैबीज के प्रकार (Types Of Scabies)
स्कैबीज का संक्रमण फैलाने वाला माइट सिर्फ एक ही प्रकार का होता है। इस माइट को सरकोप्ट्स स्कैबी (Sarcoptes Scabiei) कहा जाता है। हालांकि ये एक ही माइट कई प्रकार के इंफेक्शन को फैला सकता है।
1. टिपिकल स्कैबीज (Typical Scabies)
ये इंफेक्शन सबसे ज्यादा होता है। इसकी वजह से हाथों, कलाई और अन्य सामान्य जगहों पर खुजली और लाल चकत्ते होने की समस्या होती है। हालांकि चेहरे और सिर की त्वचा या स्कैल्प इससे संक्रमित नहीं होते हैं।
2. नोड्यूलर स्कैबीज (Nodular Scabies)
इस टाइप का स्कैबीज होने पर गुप्तांगों, बगल या आर्मपिट और ग्रोइन हिस्से में खुजली, दाने उठने या चकत्ते की समस्या हो सकती है।
3. नॉर्वेजियन स्कैबीज (Norwegian scabies)
स्कैबीज की समस्या होने पर कुछ लोगों में अलग किस्म का स्कैबीज विकसित हो जाता है। इसे नॉर्वेजियन स्कैबीज या पपड़ीदार स्कैबीज कहा जाता है। ये स्कैबीज का सबसे गंभीर और बेहद संक्रामक प्रकार होता है।
पपड़ीदार स्कैबीज की समस्या होने पर लोगों की स्किन पर मोटी पपड़ी जम जाती है। इस पपड़ी में हजारों माइट्स और उनके अंडे पाए जाते हैं।
पपड़ीदार स्कैबीज देखने में
मोटा
भूरा
छूते ही आसानी से टूट जाने वाला
हो सकता है।
पपड़ीदार स्कैबीज ज्यादातर ऐसे लोगों को होता है जिनका इम्यून सिस्टम काफी कमजोर होता है। इन लोगों में एचआईवी और एड्स के मरीज भी शामिल होते हैं। ऐसे लोग जो स्टेरॉयड या कुछ विशेष दवाओं (जैसे, रूमेटाइड आर्थराइटिस की दवाओं) का सेवन कर रहे हों या फिर कीमोथेरेपी ले रहे हों। उन्हें पपड़ीदार या क्रस्टेड स्कैबीज की समस्या हो सकती है।
स्कैबीज के माइट्स आसानी से शरीर के इम्यून सिस्टम को हरा सकते हैं। ऐसा होते ही उनकी ग्रोथ कई गुना तेजी से बढ़ने लगती है। क्रस्टेड स्कैबीज के फैलने का तरीका सामान्य स्कैबीज जैसा ही होता है।
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