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- इस भाईदूज पर मीठे...
हर बार भाई दूज पर गुजिया और मिठाई बनाकर भाई को खिलाने की परंपरा रही है. दिवाली के फेस्टिव सीजन में मिठाई खा-खाकर हर कोई बोर हो जाता है. इसलिए अपने भाई और दूसरे मेहमानों के लिए शाफ्ले बना सकते हैं. शाफ्ले त्योहारों पर बनाई जाने वाली डिश है. इसका आकार गुजिया की तरह ही होता है, लेकिन खाने में शाफ्ले का स्वाद मीठे गुजिया से उलट चटपटा और नमकीन होता है. तिब्बती खाना ज्यादातर उबला हुआ और कम मसालेदार होता है, वहीं शाफ्ले मसाले भरे हुए और तेल में तलकर बनाए जाते हैं. इन शाफ्लों को हम आम भाषा में नमकीन गुजिया कह सकते हैं. इस फेस्टिव सीजन में आप चटपटी चटनी के साथ शाफ्ले ट्राई कर सकते हैं.
जरूरी सामान
मैदा
तेल
नमक
हरा धनिया
हरी मिर्च
अदरक
प्याज
पनीर (किसा हुआ)
शाफ्ले बनाने की रेसिपी
सबसे पहले गुजिया की तरह मैदे का आटा गूंधना है. मैदे को छानकर उसमें मोयन के लिए तेल मिला दें. अब इसको दोनों हाथों से अच्छी तरह मिक्स करें ताकि गुठली न रहें. स्वाद के लिए नमक डालें. थोड़ा-थोड़ा पानी मिलाकर गूंध लें. इसके बाद आटे को 1-2 घंटे के लिए ढककर रख दें.
शाफ्ले में भरावन के लिए किसे हुए पनीर में प्याज, हरी मिर्च, हरा धनिया काटकर मिला लें. ऊपर से जीरा, लाल मिर्च और नमक मिला लें. सामान को अच्छी तरह मिक्स करें.
अब मैदे की छोटी लोइयां बनाकर, पूरी के बराबर आकार में बेल लें. बेली हुई लोई को गुजिया के सांचे में रखकर इसके अंदर भरावन डाल दें. दोनों पट्टियों पर हल्का सा पानी लगाएं ताकि शाफ्ले चिपक जाएं और फटने न पाएं. सांचे को बंद करें और एक्स्ट्रा आटे को तोड़कर साइड कर दें. सांचे में से शाफ्ले निकालकर कुछ देर के लिए रख दें.
सांचे के अलावा शाफ्ले को हाथ से भी बनाया जा सकता है. इसके लिए मैदे की लोई बेलकर उसके बीच में भरावन भर दें और बीच से गुजिया के आकार में मोड़ दें. अब चिपकाने के लिए शाफ्ले के किनारों पर पानी लगाएं और शाफ्ले को मोड़कर बंद कर दें. कंगूरे बना दें ताकि देखने में भी सुंदर लगें और फटने का डर भी न रहे.