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- मेनोपॉज के बाद पोषण और...
जनता से रिश्ता। मेनोपॉज (रजोनिवृत्ति) किसी महिला के जीवन की एक संक्रमणकालीन अवधि है, क्योंकि इस दौरान उसका मासिक धर्म आना बंद हो जाता है. यह अंतिम बार पीरियड आने के लगभग 12 महीने बाद माना जाता है. मतलब एक साल तक पीरियड न आए, तो इसे मेनोपॉज मानते हैं. मेनोपॉज के साथ गर्मी महसूस होना, रात को पसीना आना, अनिद्रा, मूड में अचानक से बदलाव होना और थकान जैसे लक्षण देखने को मिल सकते हैं. मेनोपॉज के बाद वजन कम करना मुश्किल हो सकता है. इसके अलावा, इस दौरान हड्डियों को भी नुकसान हो सकता है. इसको रोकने का कोई तरीका तो नहीं है, लेकिन स्वस्थ आहार और जीवनशैली अपनाकर इसके लक्षणों को काफी हद तक कम किया जा सकता है और इन बदलावों से निपटा जा सकता है.
इन खाद्य पदार्थों को भोजन में शामिल करें
जामुन (बेरीज): ये प्राकृतिक एंटी-इंफ्लामेटरी पावरहाउस हैं. बेरीज मस्तिष्क को स्वास्थ्य बनाते हैं, ब्लड प्रेशर को कम करते हैं और दिल की सेहत के लिए भी अच्छे हो सकते हैं. मेनोपॉज के दौरान खत्म हो जाने वाले एस्ट्रोजन के कार्डियो प्रोटेक्टिव बेनेफिट्स के साथ, दिल के स्वास्थ्य को मजबूत बनाने में बेरीज बहुत लाभकारी है. बेरीज एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होते हैं, जो तनाव से निपटने में मदद करते हैं, मेनोपॉज वाली महिलाओं की एक आम बीमारी, अनिद्रा को दूर करने में भी मददगार हो सकते हैं.
सैमेन मछली: विटामिन डी, ओमेगा -3 और अन्य फैटी एसिड का एक भरपूर स्रोत, सैमेन रक्तचाप को कम करने और हृदय को स्वस्थ रखने में मददगार होती है. अनेक शोधों से पता चला है कि चिंता, अवसाद को दूर करने और मध्यम आयु वर्ग की महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में संभावित रूप से मदद करने में ओमेगा -3 फैटी एसिड के बहुत फायदेमंद है. शाकाहारी महिलाएं विकल्प के तौर पर ओमेगा-3 सप्लीमेंट्स ले सकती हैं.
फलियां: चने, काली बीन्स और राजमा जैसी फलियां ब्लड शुगर को कम करने और इंसुलिन सेंस्टिविटी को बढ़ाने में मददगार हैं. कैल्शियम और विटामिन डी प्रदान करने के अलावा, फलियां हड्डियों के घनत्व के नुकसान को कम करने में भी मददगार हो सकती हैं.
साबुत अनाज: साबुत अनाज, मेनोपॉज वाली महिलाओं के स्वस्थ आहार का हिस्सा होना चाहिए. बकव्हीट और क्विनोआ जैसे साबुत अनाज में प्रोटीन, फाइबर, विटामिन बी और मैग्नीशियम होता है. ये अनाज भी ग्लूटेन-फ्री होने के साथ ही अधिकांश पारंपरिक अनाज की तुलना में अधिक पोषण से भरपूर होते हैं. इनकी फाइबर और प्रोटीन कंटेंट सैटिटी फैक्टर में मददगार हो सकते हैं. दूसरे शब्दों में, यह लंबे समय तक ऊर्जा से भरपूर रहने में मदद करता है.
योगर्ट: यह कैल्शियम का एक अच्छा स्रोत है, जिसकी ज्यादातर महिलाओं में कमी होती है और जो ऑस्टियोपोरोसिस का प्राथमिक कारण है. योगर्ट में मौजूद विटामिन, इम्युनिटी-बूस्टिंग और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण ऑस्टियोपोरोसिस के खतरे को दूर करने के लिए बेहतर अवशोषण में मदद करते हैं. विटामिन डी के अलावा, योगर्ट भी एक प्रोबायोटिक फूड है, जो आंत में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाने में मदद करता है, जो आमतौर पर थायराइड की गड़बड़ी से खत्म हो जाते हैं .
एक डेली मल्टीविटामिन को भी भोजन में शामिल किया जा सकता है.
मेनोपॉज के दौरान महिलाओं के शरीर में होने वाले बदलाव कुछ के लिए परेशानी का सबब साबित हो सकते हैं. इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि इन परिवर्तनों का स्वास्थ्य पर दीर्घकालिक असर हो सकता है. हालांकि ये आहार और जीवनशैली में बदलाव इसके प्रभाव को कम कर सकते हैं. वहीं यह भी जरूरी है कि मेनोपॉज वाली महिलाएं अपने मानसिक स्वास्थ्य पर भी अधिक ध्यान दें.