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धर्म-अध्यात्म
Mahalaxmi Vrat 2024 Katha: महालक्ष्मी व्रत शुरू, पूजा के समय पढ़ें ये कथा
Bharti Sahu 2
11 Sep 2024 5:23 AM GMT
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Mahalaxmi Vrat 2024 Katha: महालक्ष्मी व्रत गणेश चतुर्थी के पांच दिन बाद रखना शुरू हो जाता है. पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष अष्टमी तिथि से व्रत की शुरुआत होती है और आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को समाप्त होता है. इस तरह पूरे 16 दिनों तक महालक्ष्मी का व्रत रखा जाता है. इस साल 11 सितंबर 2024 से महालक्ष्मी व्रत की शुरुआत होगी और 24 सितंबर 2024 को इसका समापन होगा. 11 सितंबर को महालक्ष्मी व्रत की शुरुआत आयुष्मान और प्रीति योग के साथ होगी|
महालक्ष्मी व्रत 2024 पूजा विधि | Mahalaxmi Vrat Puja Vidhi
महालक्ष्मी व्रत के दिन सुबह उठकर सबसे पहले स्नान करें और साफ कपड़े पहनें|
एक चौकी पर लाल या पीले रंग का साफ कपड़ा बिछाकर देवी लक्ष्मी की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित कर लें|
अब घी का दीपक जलाएं. पूजा में मां को लाल रंग के फूल, अक्षत, सिंदूर और श्रृंगार का सामान अर्पित कर भोग लगाएं.
महालक्ष्मी व्रत की कथा पढ़ें और आरती करें.
महालक्ष्मी व्रत कथा | Mahalaxmi Vrat Katha
एक गांव में एक गरीब ब्राह्मणी रहती थी. वह नियमित भगवान विष्णु की पूजा करती थी. भक्त की श्रद्धा-भक्ति से प्रसन्न होकर विष्णुजी ने उसे दर्शन दिए और भक्त से वरदान मांगने को कहा. ब्राह्मणी ने कहा कि, मैं बहुत गरीब हूं मेरी इच्छा है कि मेरे घर पर मां लक्ष्मी का वास रहे. विष्णुजी ने ब्राह्मणी को एक उपाय बताया, जिससे कि उसके घर में मां लक्ष्मी का आगमन हो|
भगवान विष्णु ने बताया कि, तुम्हारे घर से कुछ दूर एक मंदिर है वहां एक स्त्री आकर उपले थापती है. तुम उस स्त्री को अपने घर पर आमंत्रित करो. क्योंकि वही मां लक्ष्मी है. ब्राह्मणी ने ऐसा ही किया और उस स्त्री को अपने घर आने का निमंत्रण दिया. उस स्त्री ने ब्राह्मणी से कहा कि वह 16 दिनों तक मां लक्ष्मी की पूजा करें|
ब्राह्मणी ने 16 दिनों तक मां लक्ष्मी की उपासना की. इसके बाद मां लक्ष्मी ने गरीब ब्राह्मणी के घर निवास किया. इसके बाद उसका घर धन-धान्य से भर गया. मान्यता है कि, तभी से 16 दिनों तक चलने वाले महालक्ष्मी व्रत की शुरुआत हुई. जो व्यक्ति 16 दिनों तक महालक्ष्मी व्रत रखकर लक्ष्मी जी की उपासना करता है मां लक्ष्मी उससे प्रसन्न होकर सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं|
महालक्ष्मी व्रत का महत्व | Mahalaxmi Vrat Ka Mahatva
हिन्दू धर्म में महालक्ष्मी व्रत पूरे 16 दिनों तक रखा जाता है. हालांकि यह निर्जला व्रत नहीं होता है, लेकिन अन्न ग्रहण करने की मनाही होती है. आप इस व्रत में फलाहार कर सकते हैं. 16वें दिन व्रत का उद्यापन किया जाता है. यदि आप 16 दिनों तक महालक्ष्मी व्रत करने में असमर्थ हैं तो शुरुआत के 3 या आखिर के 3 व्रत रख सकते हैं. इससे लोगों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में खुशहाली बनी रहती है|
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