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कई बीमारियों का कारण बन सकती हैं मैग्नीशियम की कमी

Kajal Dubey
22 May 2023 3:04 PM GMT
कई बीमारियों का कारण बन सकती हैं मैग्नीशियम की कमी
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शरीर की सेहत को दुरुस्त बनाए रखने के लिए जरूरी पोषक तत्वों की जरूरत होती है जिसमें से एक हैं मैग्नीशियम जो उचित तंत्रिका कार्य, अच्छा रक्त परिसंचरण, मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली और स्वस्थ दिल के लिए प्रभावी साबित होता हैं। आपके शरीर को मैग्नीशियम की जरूरत उतनी ही है जितनी किसी अन्य विटामिन या मिनरल की होती है। शरीर में मैग्नीशियम की कमी कई बीमारियों का कारण बन सकती हैं जैसे उच्च रक्तचाप, मधुमेह, हृदय रोग, पुरानी पीठ दर्द, आदि। आज इस कड़ी में हम आपको मैग्नीशियम की कमी के कारण, लक्षण और उपचार से जुड़ी जानकारी देने जा रहे हैं जो आपके बहुत काम आएगी।
मैग्नीशियम की कमी के कारण
मैग्नीशियम की कमी के कई कारण हो सकते हैं। भोजन में पर्याप्त मात्रा में मैग्नीशियम न लेने से लेकर शरीर से अत्यधिक मात्रा में मैग्नीशियम निकलना आदि शामिल हैं। रोजाना ज्यादा मात्रा में कैफीन का सेवन भी इसके स्तर को प्रभावित कर सकता है। शराब की लत इसकी कमी का जोखिम बनती है। अधिक एंटीबायोटिक दवाएं लेना पाचन तंत्र प्रणाली को क्षतिग्रस्त कर देता है, जिससे मैग्नीशियम से उच्च खाद्य पदार्थों को पचाने में कठिनाई होने लगती है।
शरीर में मैग्नीशियम की कमी के लक्षण
मांसपेशियों की ऐंठन
नियमित मांसपेशी ऐंठन मैग्नीशियम की कमी के पहले लक्षण हैं। मांसपेशियों के विकास और उत्थान के लिए मैग्नीशियम बेहद महत्वपूर्ण है। यह कैल्शियम और पोटेशियम का सेवन बढ़ाता है- मांसपेशियों के कामकाज के लिए दो महत्वपूर्ण तत्व है। यदि आप नियमित ऐंठन का अनुभव करते हैं, तो तुरंत चिकित्सक से परामर्श लें। इसके अलावा, अक्सर मांसपेशी का खिंचना और आँखों में खिंचाव मैग्नीशियम की कमी के लक्षण हो सकता है।
माइग्रेन
माइग्रेन कई कारणों से होता है। ऐसा एक कारण आपके शरीर में कम मैग्नीशियम का स्तर भी हो सकता है। गंभीर माइग्रेन को कभी अनदेखा नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि यह अंतर्निहित चिकित्सा स्थिति के कारण हो सकता है। कुछ मामलों में अपने चिकित्सक से जांच कराए, अगर मैग्नीशियम की कमी पाया जाता है, तो माइग्रेन का इलाज किया जा सकता है।
अनियमित दिल की धड़कन
अनियमित दिल की धड़कन और लय शरीर में कम मैग्नीशियम के स्तर के सबसे बड़े लक्षण हैं। मैग्नीशियम दिल की उचित कार्यप्रणाली और शरीर में उचित रक्त परिसंचरण के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। यदि आप कुछ समय से इन लक्षणों से पीड़ित हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करे।
चिंता और बेचैनी
कुछ लोगों के लिए बेचैनी और चिंता जीवन के एक हिस्सा हो सकती है। इसके लिए कई कारण हो सकते है। जिसमे एक मैग्नीशियम की कमी भी शामिल है। मैग्नीशियम हमारे शरीर और दिमाग को शांत कर सकता है, और इस पोषक तत्व की कमी से अवसाद और बेचैनी हो सकती है। अपने मैग्नीशियम स्तर को बढ़ाने से चिंता स्तर और बेचैनी कम हो सकती है।
तेज आवाज से तकलीफ
यूं तेज आवाज किसी को भी सहन नहीं होती लेकिन मैग्नीशियम की कमी आपको ज्यादा ही सेंसिटिव बना देती है। कम मैग्नीशियम के कारण आपका नर्वस सिस्टम कमजोर हो जाता है और आप अधिक सेंसिटिव हो जाते हैं।
थकान और कमजोरी
यदि आप ब्लैक आउट्स और निरंतर कमजोरी का सालमना कर रहे हैं, तो आप कम मैग्नीशियम के स्तर से पीड़ित हो सकते हैं। मैग्नीशियम ग्लूकोज को ऊर्जा में में परिवर्तन करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह ऊर्जा मेटाबोलिक के लिए जरूरी है, और आपके शरीर की कमजोरी से लड़ती है। मैग्नीशियम की कमी लंबे समय तक हानिकारक हो सकती है, और आप बहुत ज्यादा कमजोरी और थकान महसूस कर सकते है।
कब्ज होना
सिर्फ आपकी डाइट में फायबर की कमी नहीं बल्कि मैग्नीशियम की कमी से भी आपका हाजमा बिगड़ सकता है। आपको इस बात पर भरोसा तब होगा जब आपको पता चलेगा कि हाजमे की अधिकतर दवाओं में मैग्नीशियम होता है। मैग्नीशियम की कमी से आपको एनर्जी की कमी महसूस होगी। आपको आराम करने के बाद भी थकावट लगती रहेगी।
ऐसे दूर करें मैग्नीशियम की कमी
इसकी कमी को रोकने के लिए पहले तो आहार पर ध्यान देना होगा। हरी सब्जियों का भरपूर सेवन करें क्योंकि इसमें पर्याप्त मात्रा में मैग्नीशियम पाया जाता है। बादाम, काजू में मैग्नीशियम भरपूर होता है। सोयाबीन, तिल, केला, मछली, एवोकाडो, टोफू, मैग्नीशियम के अच्छे स्रोत हैं। गेहूं, अनाज मैग्नीशियम के अच्छे स्रोत हैं। काले सेम यानी ब्लैक बीन्स में मैग्नीशियम सबसे अधिक मात्रा में पाया जाता है। अवसाद से निपटने के लिए अपने आहार में विटामिन के साथ मैग्नीशियम का सेवन जरूरी है। मैग्नीशियम का स्तर गंभीर रूप से कम होने पर नसों के जरिए इसकी पूर्ति की जाती है। इसमें मैग्नीशियम सप्लीमेंट्स दिए जाते हैं। मैग्नीशियम का स्तर गंभीर रूप से कम होने पर कैल्शियम और पोटेशियम इलेक्ट्रोलाइट का स्तर भी कम हो जाता है। ऐसे में डॉक्टर कैल्शियम और पोटेशियम सप्लीमेंट्स भी देते हैं।
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