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Linthoi Chanambam: न पैसे, न मोबाइल... 8 महीने विदेश में फंसी रही

Kajal Dubey
1 Sep 2022 6:47 PM GMT
Linthoi Chanambam: न पैसे, न मोबाइल... 8 महीने विदेश में फंसी रही
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2019 के अंत में चीन से कोरोना की शुरुआत हो गई थी। 2021 के मार्च आते-आते यह पूरी दुनिया में फैल चुका था।
2019 के अंत में चीन से कोरोना की शुरुआत हो गई थी। 2021 के मार्च आते-आते यह पूरी दुनिया में फैल चुका था। मार्च के ही महीने में जॉर्जिया की राजधानी त्बिलिसी में होना था जूडो इंटरनेशनल ग्रैंड प्रिक्स। टूर्नामेंट में हिस्सा लेने के लिए खिलाड़ी वहां पहुंच चुके थे, तभी पूरी दुनिया में लॉकडाउन लगने लगा। फिर टूर्नामेंट को कैंसिल करना पड़ा। सब कुछ बंद हो गया। फ्लाइट कैंसिल हो गई। तब 13 साल की जुडोका लिन्थोई चनंबम (Linthoi Chanambam) अपने साथी खिलाड़ी देव थापा और जसलीन सैनी के साथ वहीं फंस गईं और उनके पास पैसे भी नहीं थे।
वहां उनके पास फोन तक नहीं था। घर पर माता-पिता से बात नहीं हो पा रही थी। लिन्थोई चनंबम को पता भी नहीं था कि वह कब अपने देश वापस लौट पाएंगीं। फिर एंट्री होती है, मामुका किजिलाशविली की। किजिलाशविली जॉर्जिया के टॉप जूडो कोच में गिने जाते हैं। उन्होंने न सिर्फ भारतीय खिलाड़ियों के लिए अपने घर के दरवाजे खोल दिए बल्कि ट्रेनिंग भी दी। उन्होंने काम खोजने में भी भारतीय खिलाड़ियों की मदद की। लिन्थोई चनंबम 8 महीने जॉर्जिया में रहीं।
वर्ल्ड चैंपियनशिप में रचा इतिहास
अब 2022 में इसी लिन्थोई चनंबम ने इतिहास रच दिया है। वह 15 साल की चनंबम ने बोस्निया-हर्जेगोविना के साराजेवो में वर्ल्ड कैडेट जूडो चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीत लिया है। वह किसी भी आयु वर्ग में वर्ल्ड चैंपियनशिप में मेडल जीतने वाली भारत की पहली जुडोका हैं। फाइनल मुकाबले में मणिपुर की चनंबम ने ब्राजील की बियांका रेस को मात दी। उन्हें यह मेडल 57 किलोग्राम कैटेगरी में मिला है।
मणिपुर के इंफाल में में लिन्थोई का जन्म किसान परिवार में हुआ था। उनके पिता के साथ ही चाचा को खेल से काफी प्यार था। इसी वजह से शुरुआत से ही उन्हें खेल के लिए प्रेरित किया गया था। एक इंटरव्यू में लिन्थोई ने बताया था कि उनके साथ घर पर लड़के जैसा ही व्यहार होता था।
इससे पहले भी लिन्थोई चनंबम अपने छोटे करियर में कई बड़ी उपलब्धि हासिल कर चुकी हैं। 2021 में हुए नेशनल कैडेट जूडो चैंपियनशिप में उन्होंने अपने नाम गोल्ड मेडल किया था। 2022 एशियाई कैडेट और जूडो जूनियर चैंपियनशिप में भी वह गोल्ड जीत चुकी हैं। एशिाय-ओशिनिया कैडेट जूडो चैंपियनशिप में उन्हें ब्रॉन्ज मेडल मिला था।
न्यूज़ क्रेडिट : खुलासा इन
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