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Lifestyle: औषधीय गुणों का भंडार है दूर्वा, जानें फायदे

Bharti Sahu 2
6 Sep 2024 5:22 AM GMT
Lifestyle: औषधीय गुणों का भंडार है दूर्वा, जानें फायदे
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Lifestyle: गणेश जी की पूजा में दूर्वा की घास का विशेष महत्व होता है। गणेश चतुर्थी आने वाली है। इस पर्व पर दूर्वा की घास की डिमांड काफी बढ़ जाती है। लोग इसे भगवान के चरणों में अर्पित करते हैं या इसकी माला बनाकर गणेश जी को पहनाते हैं। इस घास के कई औषधीय गुण होते हैं, जो आपकी सेहत के लिए बहुत लाभकारी होते हैं। जानते हैं इस घास के लाभ और किन लोगों को इसका सेवन करना चाहिए।
दूर्वा की घास के हेल्थ बेनेफिट्स
दूर्वा की घास आयुर्वेदिक उपचारों में एक महत्वपूर्ण दवा मानी जाती है। इस घास में पोटेशियम, फाइबर, प्रोटीन, फास्फोरस, विटामिन-ए होता है। इसमें भरपूर मात्रा में सोडियम, मैग्नीशियम, एंटी-इंफ्लामेटरी तथा एंटी-सेप्टिक गुण होते हैं। इन लाभकारी कारकों के चलते ही इस घास को खाने से शरीर हेल्दी रहता है।
दूर्वा खाने के फायदे
इम्यूनिटी
बरसात के मौसम में इम्यूनिटी कमजोर होना आम बात है। ऐसे में इन दिनों ये घास आपकी इम्यूनिटी को मजबूत करने में सहायक होगी। दूर्वा की घास में एंटी बैक्टीरियल, एंटी वायरल गुण होते हैं। ये सभी गुण शरीर को संक्रमण से बचाते हैं।
कब्ज
जो हमेशा पाचन संबंधित समस्याओं से परेशान रहते हैं, उन लोगों को भी दूर्वा की घास का रस पीना चाहिए। दूर्वा उनका पाचन बेहतर करती है। इसको रोजाना पीने से उन्हें शौच की समस्या भी नहीं होगी, वे सुबह आसानी से फ्रेश हो सकेंगे।
तनाव दूर करें
दूर्वा की घास का सेवन करने से दिमाग की नसें शांत होती हैं। दूर्वा की घास में मौजूद एंजाइम्स आपको मानसिक तनाव, स्ट्रेस, अवसाद जैसी सभी समस्याओं को दूर करते हैं। इसके एंटीऑक्सीडेंट्स मेंटल हेल्थ को बेहतर बनाते हैं।
कैसे करें इस घास का सेवन
दूर्वा की घास खाने के लिए आपको इसकी ताजी घासों को तोड़कर लाना होगा। इसके बाद इसे पानी से अच्छे से 2-3 बार धोकर साफ कर लें। अब इन घासों का रस निकालकर पिएं। आप चाहें तो इन घासों को सुखाकर पाउडर बनाकर भी ले सकते हैं। सुखी घासों को 1 चम्मच शहद के साथ खाना सही रहेगा।
ये घास आपको अपने आसपास पार्क या फिर किसी नर्सरी में आसानी से मिल जाएंगी।
डायबिटीज
दूर्वा की घास डायबिटीज के मरीजों में ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में भी मदद करती है। इसके लिए उन्हें सुबह खाली पेट दूर्वा की घास का जूस और नीम के पत्तों का जूस निकालकर, दोनों को साथ मिलाकर पीना होगा।
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