लाइफ स्टाइल

चलिए जानते है, आंखों की पलकें सूजकर लाल जाती है, उसका क्या वजह है, और घरेलू उपचार के आसान तरीके

Manish Sahu
17 July 2023 3:49 PM GMT
चलिए जानते है, आंखों की पलकें सूजकर लाल जाती है, उसका क्या वजह है, और घरेलू उपचार के आसान तरीके
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लाइफस्टाइल: आंखें शरीर का एक बहुत ही नाजुक और महत्वपूर्ण अंग। इनकी उचित देखभाल लम्बे समय तक आंखों की रौशनी को अच्छा बनाए रखने और आंखों को स्वस्थ रखने में मदद करती है। इसलिए आंखों के हर हिस्से से जुड़ी तकलीफ पर ध्यान देना जरूरी है। कई बार संक्रमण गंभीर रूप लेकर आंखों को स्थायी नुकसान भी पहुंचा सकता है।
आंख का ऐसा ही एक हिस्सा है आईलिड या पपोटे। यानी वह हिस्सा जहां से पलकें जुड़ी होती हैं। ये हिस्सा एक तरह से आंखों की सुरक्षा के लिए कवर या पर्दों की तरह काम करता है। बाहरी धूल, धुएं, कचरे और हानिकारक कणों को आंख के भीतर जाने से रोकने में इसकी भूमिका महत्वपूर्ण होती है।
कई बार इस हिस्से में सूजन, लाली, फुंसी या अन्य समस्याएं पनप जाती हैं। इन समस्याओं का समय पर और सही तरीके से निदान और उपचार जरूरी है। आइए जानें कैसे करें देखभाल और किन बातों का रखें ध्यान।
आंखों के आस पास जो त्वचा होती है उसमें बहुत कोमल टिशूज होते हैं। जब किसी कारण से इन टिशूज में तरल पदार्थ भर जाता है तो ये हिस्सा फूल जाता है। इसमें कई बार खुजली, दर्द और जलन भी हो सकती है। ये स्थिति कई समस्याओं का संकेत हो सकती है। जैसे-
-कोई एलर्जी
-ब्लेफेराइटिस
-आंख आना या पिंक आई
-शिंगल्स
-आंखों के पपोटों में किसी तेल ग्रंथि में कोई रुकावट आ जाना
-आईलिड यानी पपोटों की त्वचा पर फुंसी हो जाना
-आई सॉकेट के आस पास कोई संक्रमण होना
-थायराइड संबंधी कोई अनियमितता
घरेलू उपाय
आंखों पर दिन में दो बार एक साफ कॉटन का गीला कपड़ा 10-15 मिनिट्स के लिए रखें। इससे आंखों के आस पास की ग्रन्थियों में जमा अतिरिक्त तेल को हटाने और पलकों पर जमा पपड़ी को हटाने में मदद मिलेगी।
संक्रमण हो या फुंसी, कभी भी आंखों को मसलें या रगड़ें नहीं। इसकी बजाय कॉटन के साफ और मुलायम कपड़े, रुमाल या रुई से एकदम हल्के हाथों से आंखों को साफ करें। साफ और गुनगुने पानी या एंटीसेप्टिक का उपयोग डॉक्टर की सलाह से किया जा सकता है। लेकिन इसे आंखों के भीतर न जाने दें।
कोशिश करें कि संक्रमण या फुंसी या सूजन के दौरान आंखों पर स्ट्रेस कम से कम हो। मोबाइल, किताब, टीवी, लैपटॉप आदि का प्रयोग कम करें और हो सके तो आंखें मूंदकर लेट जाएं।
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