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जानें क्यों तोतों की औसत आयु सामान्य से होती है ज्यादा लंबी

Kajal Dubey
12 April 2022 4:46 AM GMT
जानें क्यों तोतों की औसत आयु सामान्य से होती है ज्यादा लंबी
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तोते अपनी संज्ञानात्मक क्षमताओं और असामान्य रूप से लंबी उम्र के लिए ज्यादा मशहूर है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। तोते (Parrots) अपनी संज्ञानात्मक क्षमताओं (Cognitive Skills) और असामान्य रूप से लंबी उम्र (Exceptionally long lifespan of Parrots) के लिए ज्यादा मशहूर है. नए अध्ययन में उनकी लंबी उम्र के रहस्य से पर्दा उठाने का प्रयास किया गया है. शोधकर्ताओं ने पाया है कि इन दोनों का आपस में एक संबंध है. 217 तोतों की प्रजातियों पर हुए अध्ययन में पाया है कि स्कारलेट मकाऊऔर सल्फर की किल्गी वाले कॉकाटू प्रजातियों के तोतों की औसत आयु सामान्य से ज्यादा लंबी होती है जो केवल विशाल पक्षियों की प्रजातियों में ही देखने को मिलती है.

मैक्स प्लैंक के शोधकर्ताओं ने दर्शाया है कि तोतों (Parrots) के इन लंबे जीवन की क्या वजह हो सकती है. उन्होंने पाया है कि उनके मस्तिष्क (Brain of parrots) का आकार तुलनात्मक रूप से बड़ा होना उन्हें लंबी आयु (Long lifespan) देता है. यह पहला अध्ययन है जिसमें तोतों का लंबा जीवन और दिमाग के आकार के बीच में संबंध बताया गया है. इसमें यह भी सुझाया गया है कि संज्ञानात्मक क्षमताएं बढ़ाने से तोतों को पर्यावरणीय खतरों से बचने में मदद मिलती है और इससे वे लंबा जीवन जी पाते हैं.
रोचक बात यह है कि तोतो (Parrots) में लंबा जीवन (Long lifespan of Parrots) और जटिल संज्ञानात्मकता (Cognitive Skills) दोनो ही गुणों का वैज्ञानिकों को पहले से ही पता था, लेकिन जीवन की लंबाई और मस्तिष्क का तुलनात्मक आकार दोनों का एक दूसरे पर पड़ने वाले प्रभाव का उन्हें पता नहीं था. इस अध्ययन के प्रमुख लेखक सिमोन स्मील ने बताया कि इस पड़ताल को करने के लिए सबसे बड़ी चुनौती आंकड़ों का जमा करना थी.यह जीवित तोतों के साथ तुलना करने पर ही संभव था. इसके लिए विशाल नमूनों की जरूरत थी जिससे विविधता के प्रभाव को खारिज किया जा सके.
सही आकार के नमूने हासिल करने के लिए मैक्स प्लैंग इंस्टीट्यूट ऑफ एनिमल बिहेवियर और लेइपजिग के मैक्स प्लैंग इंस्टीट्यूट फॉर इवोल्यूशनरी एंथ्रोपोलॉजी के शोधकर्ताओं ने की टीम ने चिड़ियाघरों और मछलीघरों को 360 प्रजातियों (Species) के रिकॉर्ड खंगाले जिससे उन्होंने 100 से ज्यादा चिड़ियाघरों के 13 हजार तोतों (Parrots) के आकंड़े हासिल किए. इससे शोधकर्ता 217 प्रजातियों की औसत जीवनकाल की जानकारी हासिल कर सके जो तोतों की ज्ञात प्रजातियों में से आधी से ज्यादा प्रजातियां हैं. विश्लेषण से तोतों की जीवन प्रत्याशा में चौंकाने वाली विविधता सामने आई. जिसमें औसत उम्र दो साल से लेकर 30 साल तक की उम्र तक की होती है.
अन्य लंबी आयु वाली प्रजातियों में ऑस्ट्रेलिया के सल्फर की किल्गी वाले कॉकाटू (Cockatu) की औसत उम्र 25 साल है. स्मील ने बताया कि 30 साल की औसत उम्र इस आकार के पक्षियों (Birds) में बहुत कम पाई जाती है. कुछ तोतों (Parrots) की उम्र तो 80 साल से भी ज्यादा पाई गई है जो इंसानों के लिए भी बहुत अच्छी उम्र है. इंसानों का वजह तोतों के वजन से सौ गुना ज्यादा होता है इस लिहाज से यह संख्याएं बहुत बढ़िया हैं.
शोधकर्ताओं ने बड़े स्तर पर एक तुलनात्मक विश्लेषण भी किया जिससे वे यह पता लगा सकें कि क्या तोतों (Parrots) की संज्ञानात्मक क्षमताओं (Cognitive abilities) का उनके लंबा जीवन जीने की क्षमता पर असर पड़ता है. उन्होंने तुलनात्मक रूप से बड़े मस्तिष्क (Brains) का लंबी उम्र पर प्रभाव और बड़ा मस्तिष्क विकसित होने में क्या लंबा समय लगाता है, दोनों का अध्ययन किया. पहले मामले में पक्षियों को जंगल के माहौल में लंबा जीवन जीने का मौका मिलता है तो दूसरे मामले में लंबे जीवन की जरूरत पड़ती है.
शोधकर्ताओं के बनाए प्रतिमानों पर आंकड़ों को दोनों ही मतों पर लागू करने के बाद पाया कि तोतों की संज्ञानात्मकता (Cognitive abilities) ही तोतों (Parrots) की लंबी उम्र का कारण है. उनके शरीर की तुलना में उनके मस्तिष्क (Brain) का बड़ा होना उनकी बुद्धिमत्ता को दर्शाता है. शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि खुराक या विकास के लिए ज्यादा समय का लंबी उम्र से कोई सरोकार नहीं हैं. अब शोधकर्ताओं तोतों की सीखने की सामाजिक और सांस्कृतिक क्षमताओं का लंबी उम्र से संबंध का अध्ययन करेंगे.


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