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शिशु के पोषण के साथ साथ एक मां को स्तनपान कराते समय स्वच्छता का भी अधिक ध्यान देना चाहिए। दुनिया भर में केवल पांच में से दो बच्चे जन्म के दो घंटे के भीतर स्तनपान का लाभ ले पाते हैं - वह सुनहरे घंटे शिशु को बढ़ने और विकसित होने का सबसे अच्छा मौका देते है। ब्रेस्टफीडिंग नई माताओं को अपने शिशु के साथ शारीरिक और भावनात्मक रूप से बांड बनाने में मदद करती है। जन्म से लेकर छह महीनों तक शिशु के स्वास्थ्य के लिए स्तनपान बहुत महत्वपूर्ण है। मां का दूध शिशुओं में शारीरिक विकास को बढ़ावा देने के साथ, पोषक तत्व भी प्रदान करता है।
शिशु के साथ-साथ स्तनपान मां के लिए भी अति लाभदायी होता है। स्तनपान के सबसे महत्वपूर्ण लाभों में से एक लाभ यह है कि स्तनपान कराने की सुविधा देने वाला मुख्य हार्मोन गर्भाशय को उसकी पूर्व स्थिति मे लाने में मदद करता है। नई माताओं में यह मोटापा और ऑस्टियोपोरोसिस को रोकने के साथ-साथ स्तन और ओवेरियन कैंसर के खतरे को भी कम करता है। पहले के समय में माताएं घर पर रह कर शिशु का लालन- पोषण करती थी और उनको छह माह से लेकर साल भर तक स्तनपान कराती थी। लेकिन आज की परिस्थिति कुछ अलग है। आजकल अधिकांश माताएं काम पर जाती हैं और उन्हें लंबे समय तक घर से दूर रहना पड़ता है। हालांकि पिछले कुछ महीनों से बहुत सी माताएं घर से ही काम कर रही हैं , लेकिन घर के काम और ऑफिस के रूटीन के चलते वह हर समय शिशु को स्तनपान नहीं करा पाती , जिससे नई माताओं के लिए स्तनपान का अभ्यास जारी रखना मुश्किल हो जाता है। लेकिन, यह सुनिश्चित करना बेहद ज़रूरी है कि शिशु कम से कम छह महीने से लेकर एक साल तक के लिए विशेष रूप से स्तनपान पर निर्भर रहे।
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