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हम ब्लैकहेड्स से बहुत अच्छी तरह से वाक़िफ़ हैं. उनकी उपस्थिति से लेकर उन्हें कैसे कम किया जाए, ब्लैकहेड्स के सिलबस हो हम काफ़ी अच्छे से रट चुके हैं. लेकिन क्या आपने अपनी त्वचा पर त्वचा जैसे ही छोटे-छोटे सफ़ेद दानों पर कभी ध्यान दिया है? अगर आप अब तक नहीं समझ पाए हैं कि वह क्या होते हैं तो हम आपको बता दें कि वे वाइटहेड्स होते हैं. डॉक्टर निकिता सोनवणे बताती हैं कि “जब त्वचा का नैचुरल ऑयल (जिसे हम सीबम कहते हैं) और डेड स्किन सेल्स आपके पोर्स बंद कर देते हैं तो वही वाइटहेड्स के रूप में उभर आते हैं. इसके अलावा, वाइटहेड्स होने की वजह चेहरे पर जमी गंदगी और मेकअप भी हो सकता है. पीसीओएस जैसे हार्मोनल इंबैलेंस के कारण भी बार-बार वाइटहेड्स आपके चेहरे पर उभर आते हैं.” ऑयली और मुंहासों से भरी त्वचा पर इनका आना बेहद सामन्य रूप है. वाइटहेड्स, ब्लैहहेड्स के चेचरे भाई होते हैं, जिन्हें हटाने के लिए अतिरिक्त मेहनत की ज़रूरत पड़ती है.
व्हाइटहेड्स वाइज़ ब्लैकहेड्स
डॉक्टर निकिता कहती हैं कि “ब्लैकहेड्स केराटिन (मृत कोशिकाओं) और सीबम के कारण बंद हुए पोर्स होते हैं. इनका काला रंग हवा के संपर्क में आने पर कॉन्टेंट के ऑक्सीकरण के कारण होता है.” जैसा कि हम सभी जानते हैं कि ब्लैकहेड्स मुंहासों और पिंपल्स के लिए एक उर्वरक जगह साबित होती है. दूसरी ओर “वाइट हेड्स सीबम और केराटिन से घिरे व स्किन सेल्स से ढके हुए होते हैं. चूंकि कॉन्टेंट आपके त्वचा के अंदर होते हैं, जिसका बाहरी वातावरण से सीधी संपर्क नहीं होता है, इसलिए आप उन्हें अपनी त्वचा के नीचे छोटे दानों के रूप महसूस करते हैं. पोर्स त्वचा की पतली परत के साथ बंद होते हैं, इसलिए वाइटहेड्स को ‘क्लोज़्ड कामेडोन’ के और ब्लैकहेड्स को ‘ओपन कॉमडोन’ के रूप में जाना जाता है.”
वाइटहेड्स को दूर रखने के लिए स्किनकेयर टिप्स
हालांकि दोनों के बीच का अंतर बिल्कुल स्पष्ट है, लेकिन इन दोनों की मूल समस्या काफ़ी हद तक एक ही है - रोमछिद्रों का बंद होना. और, जब रोमछिद्रों की बात आती है, तो उनसे निपटने के साथ-साथ उनसे बचने के लिए केमिकल एक्सफ़ॉलिएशन के पावर से बढ़कर कुछ नहीं होता है. इसके लिए डॉक्टर निकिता बताती हैं कि “आप एएचए, बीएचए, या बेंज़ॉयल पेरोक्साइड की तरफ़ बढ़ें. इनके रोज़ाना इस्तेमाल से सीबम, डेड स्किन सेल्स और गंदगी हटाने में मदद मिलती है. इसके अलावा अपने नाइट स्किन केयर रूटीन में मिस्लर वॉटर से चेहरे की सफ़ाई करें. सप्ताह में एक बार फ़ेशियल करें. साप्ताहिक क्ले मास्किंग और रेटिनॉल युक्त नाइट सीरम भी वाइटहेड्स को हटाने में मदद करता है.”
बनाएं डीआईवाई एक्सफ़ॉलिएटिंग मास्क
अपने वीकली स्किनकेयर रूटीन के अलावा, आप इस डीआईवाई एक्सफ़ॉलिएटिंग मास्क को अपने साप्ताहिक स्किनकेयर रूटीन में भी शामिल कर सकते हैं, जिसे डॉक्टर निकिता सोनवणे ने हमारे साथ साझा किया गया है.
सामग्री
5 बूंद नींबू का रस (वैकल्पिक)
3 टेबलस्पून टमाटर का रस
1 टेबलस्पून शहद
1 टीस्पून खट्टी दही
1 अंडे की सफ़ेदी
2 बूंद टी ट्री ऑयल
2 टीस्पून चावल का आटा
बनाने का तरीक़ा
सामग्री को मिलाएं और अपनी त्वचा को साफ़ करके उसपर लगाएं. मास्क को 20 मिनट तक सूखने दें. जब आपका मास्क सूख जाए तो अपने चेहरे को पानी से हल्का गीला करें और 3-5 मिनट तक इससे मसाज करें. फिर पानी से अच्छी तरह से धो लें.
डॉक्टर निकिता के अनुसार “टमाटर का रस और नींबू के रस में पाया जानेवाला सिट्रिक एसिड, वाइटहेड्स को हटाने में सहायता करता है. दही में लैक्टिक एसिड होता है, जो मृत त्वचा कोशिकाओं को एक्सफ़ॉलिएट करता है और त्वचा में चमक जोड़ता है. अंडे की सफ़ेदी में प्रोटीन होता है, जो रोमछिद्रों को कसने में मदद करता है. टी ट्री ऑयल में ऐंटी-बैक्टीरियल और ऐंटी-माइक्रोबियल गुण होते हैं. जबकि शहद एक प्राकृतिक मॉइस्चराइज़र है, चावल के आटे का उपयोग त्वचा को एक्सफ़ॉलिएट करने के लिए किया जा सकता है.”
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